You are here
सिंहावलोकन
आजादी के बाद के वर्षों में उच्चतर शिक्षा क्षेत्र की संस्थागत क्षमता में अत्यधिक वृद्धि हुई है। विश्वविद्यालयों की संख्या में वर्ष 1950 में 20 से 2014 में 677 तक 34 गुणा वृद्धि हुई है। इस क्षेत्र में 45 केन्द्रीय विश्वविद्यालय में से 40 मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत आते है जिसमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत 318 राज्य विश्वविद्यालय, 185 राज्य निजी विश्वविद्यालय, 129 समविश्वविद्यालय, 51 राष्ट्रीय महत्व की संस्थाएं (आईआईटी 16, एनआईटी 30 और आईआईएसईआर-5) और (संसद के अधिनियमों के तहत स्थापित) और 4 संस्थाएं (विभिन्न राज्य विधानों के अंतर्गत स्थापित) शामिल हैं। कालेजों की संख्या में भी कई गुणा वृद्धि दर्ज की गई है जो 1950 में 500 से आज की तारीख तक 37204 हो गई है जो 74 गुणा है।
उच्चतर शिक्षा क्षेत्र में हुई वृद्धि में विश्वविद्यालय बहुत तेजी से बढ़े हैं जो अध्ययन का सर्वोच्च स्तर है।
भारत में, ''विश्वविद्यालय'' का आशय किसी केन्द्रीय अधिनियम, किसी प्रांतीय अधिनियम अथवा किसी राज्य अधिनियम के द्वारा स्थापित अथवा निगमित विश्वविद्यालय से है जिसमें इस अधिनियम के तहत इस संबंध में बनाए गए विनियमों के अनुसार उस संबद्ध विश्वविद्यालय के परामर्श से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यताप्राप्त संस्थाएं शामिल हैं। प्रतिवर्ष देश-विदेश के लाखों छात्र मुख्यत: अपनी स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए इनमें दाखिला लेते हैं जबकि लाखों छात्र बाहरी दुनिया में कार्य करने के लिए इन संस्थाओं को छोड़ते हैं।
उच्चतर शिक्षा केन्द्र और राज्य दोनों की साझा जिम्मेदारी है। विश्वविद्यालयों और कालेजों में मानकों का समन्वय और निर्धारण यूजीसी और अन्य सांविधिक नियामक निकायों को सौंपा गया है।
केन्द्र सरकार यूजीसी को अनुदान देती है और देश में केन्द्रीय विश्वविद्यालयों/राष्ट्रीय महत्व की संस्थाओं की स्थापना करती है। केन्द्र सरकार यूजीसी की सिफारिश पर शैक्षिक संस्थाओं को ''सम-विश्वविद्यालय'' घोषित करने के लिए भी उत्तरदायी है|
वर्तमान में, विश्वविद्यालय/विश्वविद्यालय स्तरीय संस्थाओं के मुख्य घटक हैं:- केन्द्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय, समविश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय स्तरीय संस्थाएं। इनका वर्णन नीचे दिया गया है:-
केन्द्रीय विश्वविद्यालय:
केन्द्रीय अधिनियम द्वारा स्थापित अथवा निगमित विश्वविद्यालय।
राज्य विश्वविद्यालय:
प्रांतीय अधिनियम अथवा राज्य अधिनियम द्वारा स्थापित अथवा निगमित विश्वविद्यालय।
निजी विश्वविद्यालय:
ऐसा विश्वविद्यालय जो किसी राज्य/केन्द्रीय अधिनियम के माध्यम से किसी प्रायोजक निकाय, अर्थात,सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 अथवा राज्य में उस समय लागू किसी अन्य संबंधित कानून के तहत पंजीकृत सोसायटी अथवा सार्वजनिक न्यास अथवा कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के अंतर्गत पंजीकृत कंपनी द्वारा स्थापित किया गया है।
समविश्वविद्यालय:
विश्वविद्यालयवत संस्था, जिसे सामान्यत: समविश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है, का आशय एक ऐसी उच्च-निष्पादन करने वाली संस्था से है जिसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अधिनियम, 1956 की धारा 3 के अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा उस रूप में घोषित किया है।
राष्ट्रीय महत्व की संस्था:
संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित और राष्ट्रीय महत्व की संस्था के रूप में घोषित संस्था।
राज्य विधानमंडल अधिनियम के अंतर्गत संस्था:
किसी राज्य विधानमंडल अधिनियम द्वारा स्थापित अथवा निगमित कोई संस्था।