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वैज्ञानिक और तकनीकी शब्‍दावली आयोग

वैज्ञानिक और तकनीकी शब्‍दावली आयोग का गठन संविधान के अनुच्‍छेद 344 के खण्‍ड (4) के परंतुक के अंतर्गत भारत सरकार के एक संकल्‍प के द्वारा निम्‍नलिखित उद्देश्‍यों के साथ 21 दिसम्‍बर, 1960 में किया गया था- हिन्‍दी और सभी भारतीय भाषाओं में वैज्ञानिक और तकनीकी शब्‍दों का विकास करना और परिभाषित करना; शब्‍दावलियों को प्रकाशित करना; पारिभाषिक शब्‍दकोश एवं विश्‍वकोश तैयार करना; यह देखना कि विकसित किए गए शब्‍द और उनकी परिभाषाएं छात्रों, शिक्षकों, विद्वानों, वैज्ञानिकों, अधिकारियों आदि को पहुंचती हैं; (कार्यशालाओं/संगोष्ठियों/प्रबोधन कार्यक्रमों के जरिए) किए गए कार्य के संबंध में उपयोगी फीडबैक प्राप्‍त करके उचित उपयोग/आवश्‍यक अद्यतन/संशोधन/सुधार सुनिश्चित करना, हिन्‍दी और अन्‍य भारतीय भाषाओं में शब्‍दावली की एकरूपता सुनिश्चित करने हेतु सभी राज्‍यों के साथ समन्‍वय करना।

आयोग निम्‍नलिखित कार्य करता है :-

  • अंग्रेजी/हिन्‍दी तथा अन्‍य भारतीय भाषाओं के संबंध में द्विभाषी और त्रिभाषी शब्‍दावलियां तैयार करना तथा उनका प्रकाशन करना।
  • राष्‍ट्रीय शब्‍दावली तैयार करना और उसका प्रकाशन करना।
  • स्‍कूल स्‍तर की शब्‍दावली और विभागीय शब्‍दावलियों की पहचान करना और उनका प्रकाशन करना।
  • अखिल भारतीय शब्‍दों की पहचान करना।
  • पारिभाषिक शब्‍दकोशों और विश्‍वकोशों को तैयार करना।
  • विश्‍वविद्यालय स्‍तर की पाठ्य-पुस्‍तकों, मोनोग्राफों और पत्रिकाओं को तैयार करना।
  • ग्रंथ अकादमियों, पाठ्य-पुस्‍तक बोर्डों और विश्‍वविद्यालय प्रकोष्‍ठों को क्षेत्रीय भाषाओं में विश्‍वविद्यालय स्‍तरीय पुस्‍तकों के लिए सहायता अनुदान।
  • प्रशिक्षण/प्रबोधन कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और संगोष्ठियों के आदि माध्‍यम से गढ़े गए और परिभाषित शब्‍दों का प्रचार-प्रसार, विस्‍तार और ध्‍यानपूर्वक समीक्षा करना।
  • प्रकाशनों का नि:शुल्‍क वितरण।
  • राष्‍ट्रीय अनुवाद मिशन को आवश्‍यक शब्‍दावली उपलब्‍ध कराना।

और ब्‍यौरे के लिए, यहां क्लिक करें www.cstt.nic.in