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शास्त्रीय तमिल पर केन्द्रीय संस्थान (सी आई सी टी)
राष्ट्रीय न्यूनतम साझा कार्यक्रम के अंतर्गत केन्द्र सरकार की प्रतिबद्धताओं के अनुसरण में भारत सरकार द्वारा गृह मंत्रालय की दिनांक 12.10.2004 की अधिसूचना संख्या IV-14014/7/2004-एनआई-।। के माध्यम से तमिल भाषा को अधिकारिक तौर पर मान्यता प्रदान की गई। ‘शास्त्रीय तमिल’ को बढावा देने के प्रयासों को जारी रखते हुए केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने दिनांक 30.1.2008 को आयोजित बैठक में चेन्नई में सीआईसीटी स्थापित करने संबंधी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। इसके बाद मंत्रालय ने दिनांक 20.2.2008 को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें चेन्नई में सीआईसीटी की स्थापना करने संबंधी भारत सरकार के निर्णय का उल्लेख किया गया था। चेन्नई शास्त्रीय तमिल भाषा संस्थान (सीआईसीटी) ने स्वायत्त संगठन के तौर पर अपने चेन्नई स्थित कार्यालयसे कार्य करना प्रारंभ किया जिसका सम्पूर्ण वित्त पोषण मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा किया जाता है; हालांकि, इसका पंजीकरण दिनाक 21.1.2009 को रजिस्ट्रार ऑफ सोसायटीज, चेन्नई सेन्ट्रल के पास करवाया गया है। इस संस्थान के निम्नलिखित उद्देश्य है:-
- शास्त्रीय तमिल भाषा में स्नातकोत्तर स्तर पर शैक्षिक एवं अनुसंधान कार्यक्रम प्रदान करना, जिसके बाद पीएचडी एवं पोस्ट डॉक्टोरल अवार्ड प्रदान किए जाते हैं।
- विश्वविद्यालयों एवं स्थापित संस्थाओं से प्राप्त अनुसंधान परियोजनाओं के लिए सहायता प्रदान करना तथा प्रासंगिक अध्ययन क्षेत्रों के लिए सहायता प्रदान करना।
- राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों, सेमिनारों एवं कार्यशालाओं का आयोजन करना तथा विश्वविद्यालयों एवं स्थापित शैक्षिक संस्थाओं में ऐसे ही प्रयासों के लिए सहायता प्रदान करना।
- अनुसंधान अध्ययनों के प्रकाशन हेतु सहायता प्रदान करना प्राचीन तमिल कृतियों के मूल स्वरूप तथा अंग्रेजी एवं भारतीय भाषाओं में अनुवाद के प्रकाशन हेतु सहायता प्रदान करना।
- भारतीय संस्कृति के समग्र स्वरूप, जिसका विकास भारतीय सभ्यता एवं विरासत के दाविडियन संघटक पर हो, के अध्ययन को बढावा देना एवं प्रोत्साहन प्रदान करना।
- शास्त्रीय तमिल के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान करना।
- शास्त्रीय तमिल के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार संस्थान.
- भारत एवं विदेशों में शास्त्रीय तमिल शिक्षा को बढावा देना
- शास्त्रीय तमिल संबंधी सूचना के लिए समाशोधन गृह के तौर पर कार्य करना। मुख्यमंत्री, तमिलनाडु को संस्थान की अभिशासी परिषद का पदेन अध्यक्ष नामित किया गया है जबकि इसका प्रशासनिक अध्यक्षता निदेशक द्वारा की जाती है।
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