You are here
राष्ट्रीय सिंधी भाषा संवर्धन परिषद
राष्ट्रीय सिंधी भाषा संवर्धन परिषद की स्थापना 26 मई, 1994 को सोसाइटीज अधिनियम, 1860 (धारा 21) के तहत उच्चतर शिक्षा विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त पंजीकृत निकाय के रूप में की गई थी। इस समय परिषद का मुख्यालय दिल्ली में है।
परिषद के उद्देश्य :-
- सिंधी भाषा को बढ़ावा देना, विकास करना तथा इसका प्रचार-प्रसार करना।
- वैज्ञानिक तथा तकनीकी पारिभाषिक विकास के ज्ञान तथा इसके साथ-साथ आधुनिक संदर्भ में विकसित विचारों को सिंधी भाषा में उपलब्ध कराने के लिए कार्रवाई करना।
- भारत सरकार को सिंधी भाषा से संबंधित मुद्दों तथा उसे निर्देशित किए गए शिक्षा संबंधी मुद्दों पर सलाह देना।
- सिंधी भाषा के संवर्धन हेतु परिषद द्वारा उचित समझे जाने वाले किसी अन्य कार्यकलाप को करना।
राष्ट्रीय सिंधी भाषा संवर्धन परिषद निम्नलिखि कार्यक्रमों को कार्यान्वित कर रही है :
- पुरस्कार
- प्रकाशन हेतु व्यक्तियों को वित्तीय सहायता देना
- पुस्तकों/पत्रिकाओं/श्रव्य-दृश्य कैसटों/सी.डी./वी.सी.डी. की थोक में खरीद
- सिंधी भाषा अध्ययन पाठ्यक्रम
और ब्यौरे के लिए, यहां क्लिक करें: ncpsl.gov.in