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केन्द्रीय हिन्दी संस्थान
सम्पूर्ण भारत में हिन्दी के अखिल भारतीय मानदंडों को आगे बढ़ाने तथा उसके प्रोन्नयन और प्रचार-प्रसार के मद्देनजर, एक पंजीकृत स्वायत्त निकाय, ''केन्द्रीय हिंदी शिक्षण मंडल'' 19 मार्च, 1960 को स्थापित किया गया। यह एक पूर्णत: वित्तपोषित स्वायत्त संगठन है। यह केन्द्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के साथ इसके दिल्ली, हैदराबाद, गुवाहाटी, शिलांग, मैसूर, दीमापुर, भुवनेश्वर तथा अहमदाबाद स्थित क्षेत्रीय केन्द्रों का भी संचालन करता है। संस्थान के मुख्य उद्देश्य निम्नानुसार हैं :-
- संविधान की धारा 351 के तहत प्रतिबद्धता को पूरा करने के प्रयोजनार्थ, यह संस्थान अखिल भारतीय भाषा के रूप में हिंदी के विकास के कार्य करता है और ऐसे पाठ्यक्रमों का समन्वयन, आयोजन एवं संचालन करता है जो इस उद्देश्य की पूर्ति करें।
- विभिन्न स्तरों पर हिंदी शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार; हिंदी अध्यापकों के प्रशिक्षण; हिंदी भाषा और साहित्य में उच्च अध्ययनों के लिए व्यवस्थाएं करना और अन्य भारतीय भाषाओं के साथ हिंदी में मनो-भाषाई अध्ययन को बढ़ावा देना। अंतत: यह संस्थान हिंदी भाषा से संबंधित शोध और इसके शिक्षण से संबंधित कार्यों में लगा हुआ है।
- विभिन्न स्तरों पर पाठ्य-पुस्तकें तैयार करने, प्रकाशित करने और वितरित करने के साथ-साथ संदर्भिकाओं और शोध-आधारित साहित्यों का प्रकाशन।
- संस्थान के लक्ष्यों से संबंधित जर्नलों और पत्रिकाओं का प्रकाशन।
- समान क्षेत्रों में कार्य कर रहे अन्य संगठनों के साथ सक्रिय सहयोग, सदस्यता नामांकन, समन्वयन, सदृशीकरण, प्रत्यायन इत्यादि देकर समन्वय करना।
- संस्थान के प्रचलित मानदंडों के अनुरूप फैलोशिप, एवार्डस का प्रावधान करना और हिंदी भाषा के अनुप्रयोग तथा इससे संबंधित कार्यों को बढ़ावा देना।
संस्थान की योजनाएं :
केन्द्रीय हिंदी शिक्षण मंडल के उपरोक्त लक्ष्यों, उद्देश्यों तथा कार्यकलापों को पूरा करने के प्रयोजनार्थ, केन्द्रीय हिंदी संस्थान ने अपने कार्यकलापों का व्यापक विस्तार किया है। इन योजनाओं का सार नीचे दिया गया है :-
- अध्यापन संबंधी पाठ्यक्रम।
- अध्यापक-प्रशिक्षण उन्मुखी पाठ्यक्रम।
- अध्यापन सामग्री तैयार करना और भाषा विकास करना।
- तुलनात्मक और समनुरूप अध्ययन।
- जनजातीय भाषाओं सहित विभिन्न भाषाओं का भाषाई अध्ययन।
- शोध अभिमुखी सामग्री का प्रकाशन, व्याख्यानों का आयोजन, सेमिनार की कार्यवाही, त्रैवार्षिक जर्नल ''गवेषणा'' तथा वार्षिक पत्रिका 'समन्वय' इत्यादि का प्रकाशन।
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