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राष्ट्रीय अनुसंधान प्रोफेसरशिप (एनआरपी)
भारत सरकार ने अध्येताओं को ज्ञान के क्षेत्र में उनके द्वारा दिए गए योगदान के लिए मान्यता प्रदान करने हेतु प्रख्यात शिक्षाविदों और अध्येताओं को सम्मान देने हेतु 1949 में राष्ट्रीय अनुसंधान प्रोफेसरशिप योजना प्रारंभ की। उन गौरवशाली व्यक्तियों को जिन्होंने 65 वर्ष की आयु पूरी कर ली हो और अपने संबंधित क्षेत्र में विशिष्ट योगदान दिया हो और अभी भी अनुसंधान करने के योग्य हों उन्हें राष्ट्रीय अनुसंधान प्रोफेसर के रूप में नियुक्त करने पर विचार किया जाता है।