You are here
परिषद्
1. भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद
वर्ष 1969 में भारतीय सामाजिक अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) (www.icssr.org) की स्थापना सामाजिक विज्ञान अनुसंधान को विकसित करने, विभिन्न शाखाओं को सुदृढ़ करने, सामाजिक विज्ञान अनुसंधान की गुणवत्ता एवं मात्रा में सुधार लाने तथा राष्ट्रीय नीति निर्माण में इसका उपयोग करने के लिए की गयी थी। इन लक्ष्यों को साकार करने के लिए आईसीएसएसआर ने सांस्थानिक बुनियादी ढांचे के विकास, अनुसंधान प्रतिभाओं का पता लगाने, अनुसंधान कार्यक्रमों को तैयार करने, व्यावसायिक संगठनों को सहायता प्रदान करने तथा विदेशों में सामाजिक वैज्ञानिकों के साथ संपर्क स्थापित करने पर विचार किया था। आईसीएसएसआर देश भर के विभिन्न सामाजिक विज्ञान अनुसंधान संस्थानों तथा इसके क्षेत्रीय केन्द्रों को रखरखाव एवं विकास अनुदान मुहैया कराता है। स्थानीय प्रतिभाओं संबंधी शोध एवं विकास को समर्थन देने और विकेन्द्रीकृत तरीके से इसके कार्यक्रमों तथा कार्यकलापों को समर्थन देने के लिए क्षेत्रीय केन्द्रों की स्थापना आईसीएसएसआर की विस्तारित शाखाओं के रूप में की गई है।
वर्ष 1976 से ही आईसीएसएसआर सामाजिक विज्ञान के विभिन्न विषयों में शोध संबंधी सर्वेक्षण करता रहा है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में सामाजिक विज्ञान संबंधी शोध को बढ़ावा देने के लिए विशेष बल देने के मद्देनजर आईसीएसएसआर में कई पहलें की गई हैं ताकि शोध प्रस्तावों और अन्य कार्यकलापों को समर्थन दिया जा सके।
अधिक ब्यौरे के लिए www.icssr.org पर क्लिक करें
2. भारतीय दर्शन अनुसंधान परिषद
भारतीय दर्शन अनुसंधान परिषद की स्थापना 1977 में दर्शन तथा इससे संबंधित विषयों में अनुसंधान कार्य को बढ़ावा देने के लिए एक स्वायत्त संगठन के रूप में की गई थी। भारतीय दर्शन अनुसंधान परिषद का अविर्भाव इस विश्वास से हुआ था कि भारतीय दर्शन परम्परा देश में एक विशिष्ट एवं अनन्य एजेंसी का पात्र है।
इस परिषद में सदस्यता का आधार व्यापक है जिनमें गणमान्य दार्शनिक, सामाजिक, वैज्ञानिक, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, केन्द्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधिगण शामिल हैं। शासी निकाय और अनुसंधान परियोजना समिति इस परिषद के मुख्य प्राधिकारी हैं। इन निकायों को सुस्पष्ट अधिकार एवं कार्य सौंपे गए हैं।
अधिक ब्यौरे के लिए www.icpr.in पर क्लिक करें
3. भारतीय विज्ञान, दर्शन तथा संस्कृति की इतिहास परियोजना (पीएचआईएसपीसी)
भारतीय विज्ञान, दर्शन तथा संस्कृति की इतिहास परियोजना (पीएचआईएसपीसी) की शुरूआत वर्ष 1990 में भारतीय दर्शन अनुसंधान परिषद के तत्वावधान में की गई थी जिसका मुख्य उद्देश्य अंतर-विषयक अध्ययन करना है ताकि विज्ञान, दर्शन तथा संस्कृति के मध्य अंतर-संबंध जैसा कि भारतीय सभ्यता के लम्बे इतिहास में विकसित किया गया, को विस्तृत रूप में आगे लाया जा सके। 23 अप्रैल, 1997 से पीएचआईएसपीसी को आधिकारिक रूप से अधिक स्वायत्तता प्रदान करने हेतु भारतीय दर्शन अनुसंधान परिषद से अलग किया गया ताकि निर्धारित अवधि तक इस परियोजना को पूरा किया जा सके और अब यह केन्द्रीय सभ्यता अध्ययन (सीएससी) से सम्बद्ध है। भारत सरकार ने चालू शोध परियोजना, पीएचआईएसपीसी के वित्तपोषण के प्रयोजनार्थ सीएससी को एक नोडल एजेंसी के रूप में मान्यता दी है।
पीएचआईएसपीसी का प्रमुख कार्य 'प्रस्तावना' में उल्लिखित विषयों पर कई खण्डों का प्रकाशन करना है।
अधिक ब्यौरे के लिए www.csc-india.in/phispc.html पर क्लिक करें
4. भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर)
भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद एक स्वायत्त संगठन है जिसकी स्थापना सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम (1860 का अधिनियम XXI ) के तहत 1972 में की गई थी। परिषद का मुख्य उद्देश्य इतिहास अनुसंधान को सही दिशा देना और इतिहास के यथार्थ एवं वैज्ञानिक लेखन को बढ़ावा तथा प्रोत्साहन देना है। परिषद के व्यापक उद्देश्यों में इतिहासकारों को साथ लाना, उनके बीच विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करना, इतिहास के उद्देश्यमूलक तथा औचित्यपूर्ण प्रस्तुती एवं व्याख्या को एक राष्ट्रीय दिशा प्रदान करना, इतिहास संबंधी शोध कार्यक्रम तथा परियोजनाओं को प्रायोजित करना और इतिहास अनुसंधान के कार्य में लगी संस्थाओं एवं संगठनों को सहायता देना शामिल है। इतिहास से संबंधित इसके दृष्टिकोण व्यापक हैं ताकि इसके तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था, कला, साहित्य, दर्शन, पुरालेखशास्त्र, मुद्राशास्त्र, पुरातत्व विज्ञान, सामाजिक निर्माण प्रक्रियाएं और सम्बद्ध विषय जिनमें सशक्त ऐतिहासिक पूर्वाग्रह एवं विषयवस्तु निहित हों, को शामिल किया जा सके।
आईसीएचआर ने देश के दूरदराज के क्षेत्रों में पहुंच बनाने के उद्देश्य से एक बंगलौर में और एक गुवाहाटी में दो क्षेत्रीय केन्द्र स्थापित किए हैं।
अधिक ब्यौारे के लिए www.ichrindia.org पर क्लिक करें
5. राष्ट्रीय ग्रामीण संस्थान परिषद (एनसीआरआई)
राष्ट्रीय ग्रामीण संस्थान परिषद केन्द्र सरकार द्वारा पूर्णत: वित्तपोषित एक पंजीकृत स्वायत्त सोसाइटी है। इसकी स्थापना 19 अक्तूबर, 1995 को की गई थी जिसका मुख्यालय हैदराबाद में स्थित है। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा के लिए महात्मा गांधी की अभिकल्पना की तर्ज पर ग्रामीण उच्चतर शिक्षा को बढ़ावा देना है ताकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 में यथापरिकल्पित, ग्रामीण क्षेत्रों में परिवर्तन लाने के लिए सूक्ष्म आयोजना संबंधी चुनौती को स्वीकार किया जा सके। अपने उद्देश्यों को हासिल करने के लिए, राष्ट्रीय ग्रामीण संस्थान परिषद समर्थन एवं वित्तीय सहायता प्रदान करने के बावत स्वैच्छिक संगठनों सहित समुचित संस्थानों द्वारा शुरू किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों का अभिनिर्धारण करती रही है।
अधिक ब्यौरे के लिए www.ncri.in पर क्लिक करें