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IXवीं योजना की पहलें
1. नए केन्द्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना
केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009, जो दिनांक 15.1.2009 से प्रभावी हुआ, के माध्यम से, प्रत्येक ऐसे राज्य (गोवा को छोड़कर) जिसमें कोई केन्द्रीय विश्वविद्यालय नहीं है, में 16 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है; जम्मू एवं कश्मीर राज्य में दो केन्द्रीय विश्वविद्यालय हैं, एक जम्मू मण्डल में तथा दूसरा कश्मीर मण्डल में स्थापित किया गया है। जम्मू एवं कश्मीर के अतिरिक्त अब तक शामिल न किए गए राज्यों बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, गोवा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड एवं तमिलनाडु में नए केन्द्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है। तीन राज्य विश्वविद्यालयों नामत: गुरू घासीदास विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़; डा0 हरिसिंह गौड़ विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश एवं हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, उत्तराखण्ड को केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में परिवर्तित किया गया है।
2. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (आईजीएनटीयू), अमरकंटक, मध्य प्रदेश की स्थापना संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई है। इस विश्वविद्यालय में अकादमिक कार्यकलापों की शुरूआत अकादमिक सत्र 2008-09 से हुई। यह विश्वविद्यालय विभिन्न विषयों में अवर स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों का संचालन कर रहा है। यह विश्वविद्यालय देश की जनजातीय जनसंख्या हेतु उच्चतर शिक्षा एवं अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करने तथा प्रौन्नयन के अवसर प्रदान करने के लिए एक शिक्षण एवं संबद्धन विश्वविद्यालय के तौर पर कार्य कर रहा है।
3. 14 विश्व-स्तरीय केन्द्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना (विश्व-स्तरीय मानकों के लक्ष्य के साथ इन्हें नवाचार विश्वविद्यालयों के तौर पर पुन: नामित किया गया है)
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु मंत्रालय द्वारा वैश्विक नवाचारी केन्द्रों के रूप में विकसित किए जाने वाले प्रस्तावित विश्वविद्यालयों में विश्व भर की ज्ञान प्रतिभा को एकत्रित करने के लिए विश्व-स्तरीय मानकों वाले नवाचारी विश्वविद्यालयों की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा चिन्ह्ति किए गए शहरों में 14 नवाचारी विश्वविद्यालयों की स्थापना करने का प्रस्ताव है।
4. शैक्षिक रूप से पिछड़े जिलों में 374 डिग्री कालेजों की स्थापना
मंत्रालय द्वारा उन शैक्षिक रूप से पिछड़े जिलों में मॉडल डिग्री कालेजों की स्थापना करने का निर्णय किया गया है, जहां सकल नामांकन अनुपात राष्ट्रीय औसत से कम है। एक सर्वेक्षण में 374 ऐसे जिलों की पहचान की गई है। ऐसे कालेजों की स्थापना के संबंध में संबंधित राज्य सरकारों से प्रस्ताव प्रतीक्षारत है। यह स्कीम सरकार की उच्चतर शिक्षा की सुलभता भागीदारी एवं विस्तार की नीति का एक भाग है।
5. उच्चतर शिक्षा संस्थाओं के विस्तार हेतु राज्य सरकारों को प्रोत्साहित करने की स्कीम
नई उच्चतर शिक्षा संस्थाओं की स्थापना/मौजूदा शिक्षा संस्थाओं के विस्तार हेतु राज्य सरकारों को प्रोत्साहित करने की एक नई स्कीम को शुरू किया जा रहा है। इस स्कीम के तहत नई शिक्षा संस्थाओं की स्थापना/मौजूदा शिक्षा संस्थाओं के विस्तार हेतु राज्य सरकारों को 1:2 अनुपात में केन्द्रीय सहायता (विशिष्ट श्रेणी वाले राज्यों के मामले में 1:1) प्रदान की जाएगी।XI वीं योजना एवं XII वीं योजना के वास्तविक लक्ष्यों में नए विश्वविद्यालयों, कालेजों, इंजीनियरिंग कालेजों की स्थापना तथा मौजूदा कालेजों का विस्तार करना शामिल है।
6. भारत में तकनीकी/व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के विद्यार्थियों द्वारा भारतीय बैंक संघ की शिक्षा ऋण स्कीमों पर ब्याज सहायता प्रदान करने की केन्द्रीय क्षेत्र की नई स्कीम
सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के विद्यार्थियों द्वारा भारत में मान्यता प्राप्त संस्थाओं से तकनीकी एवं व्यावसायिक विषयों के अनुमोदित पाठ्यक्रमों में अध्ययन करने के लिए भारतीय बैंक संघ की शिक्षा ऋण स्कीम के अन्तर्गत अनुसूचित बैंकों से लिए गए ऋणों पर स्थगन अवधि के दौरान पूर्ण ब्याज सहायता प्रदान करने के लिए केन्द्रीय क्षेत्र की एक नई स्कीम को अनुमोदित किया है।
7. बालिका छात्रावासों का निर्माण
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अन्तर्गत ऐसे कालेज एवं विश्वविद्यालय जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम की धारा 12 ख के अन्तर्गत केन्द्रीय सहायता प्राप्त करने के पात्र हैं, वे इस स्कीम के अन्तर्गत वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र हैं। उच्चतर शिक्षा क्षेत्र में महिलाओं की स्थिति में सुधार करने के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा कालेजों में महिला छात्रावासों के निर्माण एवं अन्य संबंधित अवसंरचनात्मक सुविधाओं के लिए शत-प्रतिशत आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
8. शामिल न किए गए राज्य विश्वविद्यालयों एवं कालेजों को सहायता प्रदान करना
राज्य विश्वविद्यालयों के सम्बद्ध कालेज तकनीकी रूप से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अधिकार क्षेत्र में आते हैं परन्तु भौतिक सुविधाओं एवं मानव संसाधनों के अर्थों में न्यूनतम पात्रता मानदण्डों को पूरा न कर पाने के कारण उन्हें सहायता प्रदान नहीं की जाती है। मंत्रालय का आशय कम सेवित क्षेत्रों में फोकस के साथ ऐसे कालेजों एवं विश्वविद्यालयों को सुदृढ़ करना है ताकि ऐसी संस्थाओं को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सहायता प्राप्त करने हेतु मानदण्डों को पूरा करने के योग्य बनाया जा सके।
Xवीं योजना अवधि में उन विश्वविद्यालयों एवं कालेजों को अतिरिक्त सहायता प्रदान करने की व्यवस्था है, जिन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम की धारा 12 ख के अन्तर्गत अनुदान प्राप्त करने के लिए पहले ही पात्र घोषित किया जा चुका है।
10. विश्वविद्यालयों में विज्ञान आधारित उच्चतर शिक्षा एवं अनुसंधान का सुदृढ़ीकरण
भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान की मात्रा एवं गुणवत्ता में आ रही कमी को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालयों में मूलभूत वैज्ञानिक अनुसंधान के कायाकल्पन हेतु प्रो0 एम.एम. शर्मा की अध्यक्षता में एक अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया था। कार्यबल की सिफारिशों के आधार पर विश्वविद्यालयों में विज्ञान आधारित शिक्षा एवं अनुसंधान के सुदृढ़ीकरण हेतु कार्रवाई शुरू की गई है।
इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य विभिन्न विषयों में विश्वविद्यालयों एवं कालेजों के अध्यापकों के अनुसंधान कार्यक्रमों को सहायता प्रदान करके उच्चतर शिक्षा में अनुसंधान की उत्कृष्टता को प्रोत्साहन देना है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मानविकी, सामाजिक विज्ञान, भाषा, साहित्य, विशुद्ध विज्ञान, इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी, फार्मेसी, चिकित्सा, कृषि विज्ञान इत्यादि के उभरते हुए क्षेत्रों में शिक्षण एवं अनुसंधान को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 की धारा 12 ख के अन्तर्गत अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्र घोषित किए गए तथा धारा 2 (च) के अन्तर्गत मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों एवं कालेजों में स्थायी/नियमित, सेवानिवृत/कार्यरत अध्यापक ही केवल इसके लिए पात्र हैं।
11. नीति एवं मूल्यांकन हेतु अन्तर-विश्वविद्यालयी अनुसंधान संस्थान
यह निर्णय लिया गया है कि एन यू ई पी ए में शिक्षा में एक नीति अनुसंधान एवं मूल्यांकन केन्द्र की स्थापना की जाए जिसके लिए कुलपति, एनयूईपीए द्वारा एक अवधारणा नोट तैयार किया जा रहा है।