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योजना – मानवीय मूल्‍यों की शिक्षा

इस योजना के तहत परियोजनाओं के लिए सरकारी एजेंसियों, शैक्षणिक संस्‍थाओं, पंचायती राज, पंजीकृत सोसायटियों और लाभ न कमाने वाली कम्‍पनियों को और योजना के मापदंडों एवं उपलब्‍ध वित्‍तीय परिव्‍यय के भीतर संस्‍वीकृत परियोजनाओं पर कार्य करने के लिए एनजीओ को वित्‍तीय सहायता प्रदान की जाती है। शिक्षा में संस्‍कृति और मूल्‍यों के सुदृढ़ीकरण से संबंधित कार्यकलापों के लिए सहायता-अनुदान-समिति द्वारा अनुमोदित वित्‍तीय सहायता परियोजना लागत की 100 प्रतिशत सीमा (10 लाख रूपए तक सीमित) तक दी जाती है। पंजीकृत सोसायटियोंको अनुदान सच्‍चाई, शांति, प्रेम, सही आचरण, अहिंसा जैसे सार्वभौमिक मूल्‍यों और भारत के संविधान में निहित मूल्‍यों के संवर्धन के लिए अध्‍यापन और शिक्षण सामग्रियों के विकास, दृश्‍य-श्रव्‍य सुविधाओं, शिक्षक-प्रशिक्षण, सम्‍मेलन, कार्यशाला, अभिभावकों/ समुदाय/छात्रों/अध्‍यापकों के लिए संगोष्ठियां सृजनात्‍मक कार्यकलापों, स्‍कली बच्‍चों के लिए रंगमंच, प्रदर्शनी आयोजित करने जैसे कार्यों के लिए दिया जाता है। गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को अनुदान दिए जाने के अतिरिक्‍त योजना शिक्षण पद्धति में सभी स्‍तरोंपर पाठ्यचर्या घटकों में मानवीय और सांस्‍कृतिक मूल्‍यों को शामिल करने का लक्ष्‍य रखती है।

विभाग ने 14 जुलाई, 2010 से इस योजना को एनसीईआरटी को स्‍थानांतरित कर दिया है।

विभिन्‍न प्रयोजनों के लिए अनुदान दिया जाता है जैसे:-

  • अध्‍यापन और शिक्षण सामग्रियों, दृष्‍य-श्रव्‍य साधनों का विकास
  • अध्‍यापकों का प्रशिक्षण
  • अभिभावकों/समुदाय/छात्रों/अध्‍यापकों के लिए सम्‍मेलन, कार्यशाला, सेमिनार
  • सृजनात्मंक कार्यकलाप
  • स्‍कूली बच्‍चों के लिए रंगमंच
  • सार्वभौमिक मूल्‍यों जैसे सच्‍चाई, शांति, प्रेम, सही आचरण, अहिंसा आदि का संवर्धन
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  • योजना-मानवीय मूल्‍यों की शिक्षा
  • मानवीय मूल्‍यों की शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिए सहायता योजना (वर्ष वार ब्‍यौरा)
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  • 2007-08
  • 2008-09
  • 2009-10