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सिंहावलोकन

स्‍वतंत्रता प्राप्ति से, भारत की विदेशों के साथ शिक्षा क्षेत्र में सहकारिता सांस्‍कृतिक करारों का भाग होती थी, भारत के 118 देशों के साथ सांस्‍कृतिक करार हैं। लगभग 75 सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (सीईपी) हस्‍ताक्षरित किए गए थे और इनमें से अधिकांश की आवधिक समीक्षा की जाती है। शिक्षा संघटक अधिकाशं सीईपी के भाग के रूप में है। सीईपी प्रभाग, संस्‍कृति विभाग, भी हाल ही तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय का भाग था।

मंत्रालय में पहले यूनेस्‍को प्रभाग में बाह्य शैक्षणिक संबंध इकाई थी जो द्विपक्षीय संबंधों पर कार्रवाई करती थी। शिक्षा क्षेत्र के विस्‍तार और शिक्षा के अंतर्राष्‍ट्रीयकरण के साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय में एक प्रकोष्‍ठ की स्‍थापना की गई है। अंतर्राष्‍ट्रीय प्रकोष्‍ठ शिक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय और अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग से संबंधित कार्य और विभिन्‍न देशों के साथ ऐसे सहयोग पर सकेन्द्रित ध्‍यान देने के इरादे से शैक्षिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों (ईईपी/एमओयू) को तैयार करने, कार्यान्वित करने और निगरानी रखने से संबंधित कार्य का समन्‍वय करता है।

मंत्रालय के अंतर्राष्‍ट्रीय शैक्षणिक आदान-प्रदान कार्यकलापों के लिए अलग बजट का प्रावधान किया जाता है। प्रारंभ में ‘बाह्य शैक्षणिक संबंधों के सुदृढ़ीकरण’ संबंधी योजनागत स्‍कीम विदेशों के साथ मंत्रालयीय स्‍तर के शिष्‍टमंडलों के साथ शिक्षा पर आदान-प्रदान सुसाध्‍य बनाने के लिए अभिप्रेत थी। तथापि, हाल ही के वर्षों में द्विपक्षीय सहयोग में कई नई पहलों के साथ योजना का क्षेत्र बहुत अधिक विस्‍तृत हो गया है।

शैक्षिक आदान-प्रदान कार्यक्रम

वर्ष 2002, से मंत्रालय ने कई देशों के साथ विशुद्ध रूप से शैक्षिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों पर हस्‍ताक्षर किए हैं (जो कुछ मामलों में समझौता ज्ञापन एमओयू कहलाते हैं)। इनमें मंगोलिया, अरमेनिया, तंजानिया, गुयाना, इजराइल, आस्‍ट्रेलिया, म्‍यांमार, हंगरी, सीरिया, उज्‍बेकिस्‍तान, न्‍यूजीलैंड, थाईलैंड, श्रीलंका, मैक्सिको, ब्राजील, अफगानिस्‍तान, क्रोशिया, इक्‍यूवेडार, रवांडा, दक्षिण अफ्रीका, साऊदी अरब, चीन, सूडान, पुर्तगाल, फ्रांस, इथोपिया, वियतनाम, ओमान, नार्वे और चिली ने पहले हस्‍ताक्षर किए। कुवैत, बोतस्‍वाना और मलेशिया के साथ ईईपी/एमओयू पर वर्ष 2009-10 में हस्‍ताक्षर किए गए। इसके अतिरिक्‍त, कई देशों के साथ डिग्रियों, डिप्‍लोमा और अन्‍य समकक्ष शैक्षिक अर्हताओं को आपसी मान्‍यता प्रदान करने के लिए एमओयू पर हस्‍ताक्षर करने का प्रश्‍न विचाराधीन है।

ईईपी/एमओयू में कार्यक्रमों के कार्यान्‍वयन पर निगरानी रखने के लिए संयुक्‍त कार्य दल (जेडब्‍ल्‍यूजी) स्‍थापित करने की व्‍यवस्‍था की गई है। जेडब्‍ल्‍यूजी की सह-अध्‍यक्षता दोनों देशों के संबंधित मंत्रियों के प्रतिनिधियों द्वारा की जाती है और उसमें संगत क्षेत्रों में संगठनों/संस्‍थाओं के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। जेडब्‍ल्‍यूजी की दोनों में से किसी भी देश में वार्षिक बैठक होती है जिसमें आदान-प्रदान कार्यक्रमों के कार्यान्‍वयन की प्रगति की समीक्षा की जाती है।

ईईपी/एमओयू की शर्तों के भीतर कार्यकलापों का सार, क्षेत्र और कार्यान्‍वयन दोनों देशों में संस्‍थाओं के बीच विशिष्‍ट व्‍यवस्‍था द्वारा निर्धारित किए जाते है। देश में विश्‍वविद्यालयों और अन्‍य उच्‍चतर शिक्षा संस्‍थाओं को विभिन्‍न देशों में अपने प्रतिपक्षों के साथ सहयोग व्‍यवस्‍था करने की स्‍वायत्‍तता है। मंत्रालय ईईपी/एमओयू के उपबंधों के आधार पर ऐसे प्रबंधन की सुविधा प्रदान करता है। ईईपी/एमओयू में निम्‍न प्रकार की विभिन्‍न पहलों के माध्‍यम से सहयोग पर विचार किया गया है:

  • विद्वानों/छात्रों/शोधकर्ताओं का आदान-प्रदान
  • सूचना/प्रकाशन सांझा करना;
  • संयुक्‍त संगोष्ठियां/कार्यशालाएं/सम्‍मेलन इत्‍यादि आयोजित करना;
  • अर्हताओं की आपसी मान्‍यता के लिए कार्य करना;
  • संस्‍थागत संयोजन विकसित करना और
  • छात्रों/शोधकर्ताओं को छात्रवृत्तियां प्रदान करना।

जेडब्‍ल्‍यूजी की बैठकों के अतिरिक्‍त उच्‍च-स्‍तरीय शिष्‍टमंडलों के आदान-प्रदान को भी सुसाघ्‍य बनाया गया है। जहां आवश्‍यक हो विशिष्‍ट क्षेत्रीय करारों पर भारतीय शीर्ष निकायों/ विश्‍वविद्यालयों द्वारा अपने विदेशी प्रतिपक्षों के साथ हस्‍ताक्षर किए जा रहे है।

अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग के अन्‍य रूप

ईईपी/एमओयू के अतिरिक्‍त मंत्रालय, संयुक्‍त आयोग की बैठकों (जेसीएम) और अन्‍य देशों के साथ सहकारिता के लिए अन्‍य आर्थिक/तकनीकी मंचों पर सक्रिय भूमिका निभाता है। इसके अलावा, मंत्रालय अन्‍य तंत्रों के माध्‍यम से विदेशों के साथ सहयोग के सुदृढीकरण के लिए प्रयास कर रहा है। इसके भाग के रूप में भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका (आईबीएसए) के बीच उच्‍चतर शिक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए सन् 2007 से त्रि-पक्षीय समझौता ज्ञापन हुआ है।

भारत-यूके उच्‍चतर शिक्षा विकास कार्यक्रम के प्रचालन के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय और ब्रिटिश उच्‍चायोग के बीच एक अन्‍य एमओयू 21 जनवरी, 2008 को हस्‍ताक्षर किए गए थे। इसके अलावा, भारत और यूके के बीच शिक्षा में सहयोग और आदान-प्रदान के सुदृढीकरण के लिए 26 सितम्‍बर, 2008 में संयुक्‍त वकतव्‍य जारी किया गया। शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग के बारे में भारत और यूरोपीय संघ के बीच 12 नवम्‍बर, 2008 को संयुक्‍त घोषणा-पत्र पर हस्‍ताक्षरित किए गए। इसके पश्‍चात भारत और यूरोपियन यूनियन के बीच बहुभाषावाद के बारे में 7 मार्च, 2009 को एक और घोषणा-पत्र पर हस्‍ताक्षर किए गए। शिक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और चेक गणराज्‍य के बीच 28 अप्रैल, 2009 को एक संयुक्‍त घोषणा पर हस्‍ताक्षर किए गए।

जुलाई 2009 में यूएस सैक्रेटरी ऑफ स्‍टेट के भारत दौरे के पश्‍चात शिक्षा के क्षेत्र में यूएसए के साथ संबंधों में काफी जोर दिया गया। इसे आगे बढ़ाते हुए माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने 25-31 अक्‍टूबर, 2009 के दौरान यूएसए का दौरा किया और अपने काउंटरपार्ट यूएस के शिक्षा सचिव के साथ एवं यूएसए में कई उच्‍च कोटि के विश्‍वविद्यालयों के प्रमुखों के साथ चर्चाएं की। शिक्षा के क्षेत्र में ‘ओबामा-सिंह 21वीं शताब्‍दी ज्ञान पहल’ कहलाई जाने वाली एक महत्‍वपूर्ण नई पहल भारत और यूएसए द्वारा संयुक्‍त रूप से 24 नवम्‍बर, 2009 में माननीय प्रधानमंत्री के यूएसए के दौरे के दौरान शुरू की गई है।

माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने द्वितीय भारत-यूके शिक्षा मंच की बैठक में भाग लेने और शिक्षा के क्षेत्र में यूके के मंत्रियों/शीर्ष सरकारी पदाधिकारियों के साथ चर्चा करने के लिए 13-16 जनवरी, 2010 को यूनाईटेड किंगडम (यूके) का दौरा किया।

The Ministry of HRD has been playing a significant role in international organizations like Commonwealth, SAARC and UNESCO for promoting educational standards across the globe. Hon’ble Minister of Human Resource Development attended the 17th Commonwealth Conference of Education Ministers held in Kuala Lumpur on June 15-19, 2009.

मंत्रालय एशियन, ईस्‍ट एशिया सम्‍मेलन, अरब लीग, इंडियन ओशन, एम, ओईसीडी, ईयू इत्‍यादि जैसे बहुपक्षीय निकायों के कार्यकलापों में भी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

मंत्रालय आईसी प्रकोष्‍ठ और उच्‍च शिक्षा ब्‍यूरो के माध्‍यम से विश्‍व स्‍तर की अंतर्राष्‍ट्रीय उच्‍चतर शैक्षिक संस्‍था अर्थात एसएएआरसी के अंतर्गत ‘साऊथ-एशियन यूनिवर्सिर्टी’ की नई दिल्‍ली में स्‍थापना में सक्रिय रूप से शामिल है।