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अनुसंधान पार्क: सरकार के देश में स्वदेशी अनुसंधान और विकास क्षमताएँ विकसित करने, विनिर्माण को बढ़ावा देने और एक सफल स्टार्टअप संस्कृति निर्मित करने पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने हेतु, विभिन्न आईआईटी में अनुसंधान पार्को को स्थापित किया जा रहा है।

अनुसंधान और नवाचार प्रौद्योगिकी को प्रभावी बनाना (इंप्रिंट) : इंप्रिंट को 5 नवंबर, 2015 को शुरू किया गया था जिसका लक्ष्य 10 चुनिंदा प्रौद्योगिकी क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य देखभाल, ऊर्जा, सतत आवास, नैनो प्रौद्योगिकी हार्डवेयर, जल संसाधन और नदी तंत्र, उन्नत सामग्रियाँ, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, विनिर्माण, सुरक्षा और बचाव, और पर्यावरण विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन में महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग चुनौतियों और व्यावहारिक प्रौद्योगिकी में ज्ञान के अनुवाद के लिए समाधान प्रदान करने पर केंद्रित है।

इंप्रिंट-II : का गठन इंप्रिंट और यूएवाई योजनाओं को मिलाकर एक सफल संशोधित कार्यनीति के साथ किया गया था। इंप्रिंट-II के तहत योजनाओं को शिक्षा मंत्रालय और डीएसटी द्वारा संयुक्त रूप से एक संयुक्त कॉर्पस सृजित करके 50:50 के अनुपात में वित्तीयन किया जाएगा। यह परियोजना अकादमी और उद्योग के मध्य समन्वय को परिकल्पित करती है। चयनित परियोजनाओं का वित्तीयन पैटर्न 25% उद्योग; 25% प्रतिभागी विभाग/मंत्रालय; और 25% शिक्षा मंत्रालय द्वारा होगा।

उच्चतर आविष्कार योजना (यूएवाई): यूएवाई की घोषणा 2015 में उच्चतर नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी जो उद्योग की जरूरतों को सीधे प्रभावित करता है और जिससे भारतीय विनिर्माण की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त में सुधार होता है। परियोजना भारत के भीतर या भारत के बाहर शिक्षा क्षेत्र और उद्योग के बीच सहयोग की परिकल्पना करती है। चुनी गई परियोजनाओं का वित्त पोषण पैटर्न, उद्योग द्वारा 25%; भाग लेने वाले विभाग/मंत्रालय द्वारा 25%; और शिक्षा मंत्रालय द्वारा 50% होगा।

एसियन अध्येतावृत्ति योजना : इस योजना को आईआईटी में 7 वर्षों (3 बैचों) के लिए एकीकृत पीएचडी कार्यक्रम जारी रखने हेतु एसियन देशों के छात्रों के लिए 1000 अध्येतावृत्ति के अनुदान हेतु अनुमोदित किया गया था। प्रवेश पाने वाले छात्रों को, वार्षिक अनुसंधान अनुदान, जैसा लागू हो, के साथ ही भारतीय छात्रों की तरह उसी दर पर अध्येतावृत्ति प्रदान की जाएगी। आईआईटी अपने स्वयं के संसाधनों से चयनित छात्रों के वर्तमान व्यय को शामिल करने हेतु प्रावधान बना सकेगा। आईआईटी दिल्ली इस योजना का राष्ट्रीय समन्वयक है।