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वास्तुकला परिषद (सीओए)
वास्तुकला परिषद (सीओए) भारत सरकार द्वारा वास्तुकला अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत गठित किया गया, जिसे संसद द्वारा अधिनियमित किया गया, जो 1 सितंबर, 1972 से लागू हुआ। अधिनियम में वास्तुकारों और इससे संबंधित मामलों के पंजीकरण की व्यवस्था है। वास्तुकारों के रजिस्टर के रखरखाव के अतिरिक्त वास्तुकला परिषद विशेषज्ञ समितियों द्वारा किए गए निरीक्षण से अधिनियम के तहत मान्यता प्राप्त अर्हताओं के मानकों का रखरखाव देखता है। निरीक्षणों के आधार पर वास्तुकला परिषद संस्थाओं द्वारा अनुरक्षित अपर्याप्त मानकों के संबंध में उपयुक्त सरकारों को अभ्यावेदन दे सकता है। केन्द्र सरकार द्वारा की गई जांच, यदि उचित पाई जाती है तो उपयुक्त सरकारों की टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए, वास्तुकला संस्थाओं को वास्तुकला से संबंधित अर्हता की मान्यता रद्द करने का निर्णय लेना होता है। वास्तुकला परिषद की सिफारिशों को केन्द्र सरकार द्वारा अधिनियम के तहत मान्यता प्राप्त किसी भी वास्तुकला अर्हता से पहले लेना होता है।
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