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अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई)
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की स्थापना 1945 में एक परामर्शी निकाय के रूप में की गई थी और बाद में 1987 में संसद के एक अधिनियम द्वारा इसे संविधिक दर्जा दिया गया। एआईसीटीई नए तकनीकी संस्थान शुरू करने, नए पाठ्यक्रम शुरू करने और तकनीकी संस्थानों में प्रवेश क्षमता में बदलाव के लिए मंजूरी देता है। एआईसीटीई ने संबंधित राज्य सरकारों को नए संस्थानों को संसाधित करने और अनुमोदन प्रदान करने, नए पाठ्यक्रम शुरू करने और डिप्लोमा स्तर के तकनीकी संस्थानों के लिए प्रवेश क्षमता में बदलाव करने की शक्तियाँ प्रदान की हैं। यह ऐसे संस्थानों के लिए मानदंड और मानक भी निर्धारित करता है। यह तकनीकी संस्थानों या कार्यक्रमों की मान्यता के माध्यम से तकनीकी शिक्षा के गुणवत्तापूर्ण विकास को भी सुनिश्चित करता है। अपनी विनियामक भूमिका के अलावा, एआईसीटीई की एक संवर्धक भूमिका भी है जिसे वह योजनाओं के माध्यम से महिलाओं, दिव्यांगों और समाज के कमजोर वर्ग के लिए तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने, नवाचारों, संकाय, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने, तकनीकी संस्थानों को अनुदान देने के लिए प्रयोग करता है।
एआईसीटीई के तहत आने वाले तकनीकी संस्थानों में इंजीनियरिंग/प्रौद्योगिकी, फार्मेसी, वास्तुकला, होटल प्रबंधन और खानपान प्रौद्योगिकी, प्रबंधन अध्ययन कंप्यूटर अनुप्रयोगों और अनुप्रयुक्त कला और शिल्प को कवर करने वाली तकनीकी शिक्षा के पूरे स्पेक्ट्रम में स्नातकोत्तर, स्नातक और डिप्लोमा शामिल हैं।
एआईसीटीई का मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसके सात क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता, चेन्नई, कानपुर, मुंबई, चंडीगढ़, भोपाल और बैंगलोर में स्थित हैं। हैदराबाद में एक नया क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किया गया है और यह जल्द ही चालू होने वाला है।
यह परिषद एक कार्यकारी समिति के माध्यम से अपने कार्यों का निर्वहन करती है।
अधिक जानकारी के लिए www.aicte-india.org पर क्लिक करें।