मदरसों में गुणवत्‍ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए स्‍कीम (एसपीक्‍यूईएम)

एसपीक्‍यूईएम मदरसों में गुणात्‍मक सुधार लाना चाहती है ताकि मुस्लिम बच्‍चे औपचारिक शिक्षा के विषयों में राष्‍ट्रीय शिक्षा प्रणाली के मानक प्राप्‍त करने में समर्थ हो सकें। एसपीक्‍यूईएम की मुख्‍य-मुख्‍य विशेषताएं निम्‍न हैं :

  • औपचारिक पाठ्यक्रम में विषयों जैसे विज्ञान, गणित, भाषा, सामाजिक अध्‍ययन आदि के अध्‍यापन में अध्‍यापकों को बढ़े हुए मानदेय के भुगतान के माध्‍यम से मदरसों में सक्षमताओं को सुदृढ़ करना।
  • ऐसे अध्‍यापकों का हर दो वर्ष में नई शैक्षणिक प्रथाओं में प्रशिक्षण।
  • माध्‍यमिक और उच्‍चतर मा‍ध्‍यमिक चरण के मदरसों में विज्ञान प्रयोगशाला, कम्‍प्‍यूटर प्रयोगशाला और वार्षिक अनुरक्षण लागतों के लिए प्रावधान करना।
  • प्राथमिक/उच्‍च प्राथमिक स्‍तर के मदरसों में विज्ञान/गणित किट का प्रावधान करना।
  • पुस्‍तकालयों और पुस्‍तक बैंकों को मजबूत करना और सभी स्‍तर के मदरसों में अध्‍यापन ज्ञान सामग्री प्रदान करना।
  • इस संशोधित स्‍कीम की अद्वितीय विशेषता यह है कि यह मदरसों को औपचारिक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रत्‍यायित केन्‍द्र के रूप में राष्‍ट्रीय मुक्‍त अध्‍ययन संस्‍थान (एनआईओएस) के मदरसों के साथ लिंकेज को प्रोत्‍साहित करती है जो ऐसे मदरसों में पढ़ने वाले बच्‍चों को कक्षा 5, 8, 10 और 12 के लिए प्रमाणन प्राप्‍त करने में समर्थ बनाएगा। यह उनको उच्‍च अध्‍ययन में जाने में समर्थ बनाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि गुणवत्‍ता मानक राष्‍ट्रीय शिक्षा के समान हैं। इस स्‍कीम में एनआईओएस को पंजीकरण और परीक्षा फीस के साथ प्रयोग किए जाने वाली अध्‍यापन ज्ञान सामग्री भी कवर की जाएगी।
  • एनआईओएस लिंकेज को इस स्‍कीम के तहत मदरसों के माध्‍यमिक और उच्‍चतर माध्‍यमिक चरण में व्‍यावसायिक शिक्षा के लिए विस्‍तारित किया जाएगा।
  • स्‍कीम की मॉनीटरिंग और लोकप्रियता के लिए यह राज्‍य मदरसा बोर्डों को वित्‍तपोषित करेगी। भारत सरकार स्‍वयं आवधिक मूल्‍यांकन करेगी, पहला मूल्‍यांकन दो वर्ष के भीतर।

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