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इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय मुक्‍त विश्‍वविद्यालय (इग्‍नू)

इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय मुक्‍त विश्‍वविद्यालय (इग्‍नू) की स्‍थापना (i) दूरस्‍थ पद्धति के माध्‍यम से उच्‍च शिक्षा में पहुंच तथा समानता बढ़ाने तथा (ii) मुक्‍त शिक्षा एवं दूरस्‍थ शिक्षा प्रणालियों को संवर्धितए समायोजित करने तथा उनमें मानकों के निर्धारण करने के दोहरे दायित्‍वों के साथ संसद के एक अधिनियम द्वारा 1985 में की गई थी। इग्‍नू अधिनियम के प्रावधानों के अनुसारए इस विश्‍वविद्यालय का कार्य:

  • देश के आर्थिक निर्माण के लिए यथा आवश्‍यक रोज़गार की आवश्‍यकताओं से संबंधित डिग्रीए डिप्‍लोमा तथा प्रमाणपत्र कार्यक्रम प्रदान करना;
  • समाज के वंचित वर्गों कोए विशेष रूप से जनता के बड़े भाग को उच्‍च शिक्षा के लिए अवसर प्रदान करना;
  • नवाचार एवं अनुसंधान के संदर्भ में ज्ञान की प्राप्‍ति तथा उन्‍नयन का संवर्धन करना तथा प्रशिक्षण एवं पुनरू प्रशिक्षण के लिए अवसर प्रदान करना;
  • विश्‍वविद्यालय स्‍तर की शिक्षा की नवाचार प्रणाली को प्रोत्‍साहित करनाए शिक्षा की पद्धति और गति को लचीला और मुक्‍त बनानाए उत्‍कृष्‍टता को प्रोत्‍साहित करने के लिए पाठ्यक्रमों के सम्‍मुचयनए नामांकन के लिए पात्रता, प्रवेश की आयु, परीक्षा का संचालन तथा कार्यक्रमों का निष्‍पादन करना; तथा संस्‍थाओं और मुक्‍त ; तथा
  • दूरस्‍थ शिक्षा प्रणाली द्वारा प्रदत्‍त कार्यक्रमों का समन्‍वय, संवर्धन, मूल्‍यांकन और प्रत्‍यायन करना और साथ ही ऐसे उपायों के माध्‍यम से जिन्‍हें उचित समझा जाए, संस्‍थाओं को निम्‍न मानदण्‍ड के पाठ्यक्रमों एवं कार्यक्रमों को प्रदान करने से रोकना।

इग्‍नू शिक्षण की पद्धतियों और स्‍थान, पाठ्यक्रमों के सम्‍मुचयन और नामांकन के लिए पात्रता, प्रवेश की आयु एवं मूल्‍यांकन आदि की पद्धतियों के बारे में शिक्षा की लचीली तथा मुक्‍त प्रणाली अपनाता है। इस विश्‍वविद्यालय ने शिक्षा प्रदान करने हेतु एक एकीकृत कार्यनीति अपनाई है। इसके अंतर्गत पूरे देश में स्‍थित उसके अध्‍ययन केन्‍द्रों पर मुद्रित सामग्रियां, ऑडियो-वीडियो, टेप, रेडियो तथा शैक्षिक टीवी चैनलों पर प्रसार, टेलिकांफ्रेंसिंग, वीडियों कांफ्रेंसिंग और साथ ही फेस टू फेस काउंसलिंग प्रदान करना शामिल है। इस विश्‍वविद्यालय ने अलग-अलग विषयों में नामांकित अपने छात्रों के कार्यनिष्‍पादन के मूल्‍यांकन के लिए सतत आकलन तथा अवधि के अंत में परीक्षा की पद्धति अपनाई है।

पूर्वोत्‍तर क्षेत्र(एनईआर) का शैक्षिक विकास दूसरा फोकस क्षेत्र है तथा इस क्षेत्र के विकास के लिए वार्षिक योजना बजट का 10% व्‍यापक रूप से निर्धारित किया जाता रहा। इस विश्‍वविद्यालय ने महिलाओं के लिए अनेक कार्यक्रम विकसित किए हैं और पिछड़े क्षेत्रों तथा कम महिला साक्षरता दर वाले जिलों में विशेष अध्‍ययन केन्‍द्र स्‍थापित किए हैं।

इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय मुक्‍त विश्‍वविद्यालय (इग्‍नू) शिक्षा प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने पर सूचना और संप्रेषण प्रौद्योगिकियों का प्रयोग करता है। स्‍वत: अनुदेशात्‍मक मुद्रित सामग्री के अतिरिक्‍त, ये विश्‍वविद्यालय अनुदेश देने के लिए श्रव्‍य दृश्‍य कार्यक्रम, टेप्‍स, दूर वार्तायोजन, ज्ञान वाणी (एफएम रेडियो) ज्ञान दर्शन (शैक्षिक टी वी चैनलों), कंप्‍यूटर नेटवर्क का उपयोग करता है। एक स्‍टॉप शिक्षा पोर्टल सक्षत को अक्‍टूबर, 2006 में भारत के तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्‍दुल कलाम द्वारा प्रारंभ (लांच) किए जाने के साथ इग्‍नू ने अपने विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने और ज्ञान के संसाधन उपलब्‍ध कराने हेतु व्‍यापक रूप से इस मंच का उपयोग करने की योजना विकसित की।

इग्‍नू के पास सफल अभ्‍यर्थियों के लिए सक्षमता प्रमाण-पत्रों को पुरस्‍कार प्रदान करने जैसे डिप्‍लोमा, स्‍नातक मास्‍टर्स और डॉक्‍टर डिग्री के विभिन्‍न स्‍तरों पर तकनीकी पेशागत और व्‍यावसायिक से विशुद्ध रूप से अकादमिक तक बहुत से कार्यक्रम हैं। इनमें से बहुत से कार्यक्रम प्रकृति से प्रमाणीय हैं।

अधिक विवरण के लिए यहा क्लिक करें : www.ignou.ac.in

अंतरराष्‍ट्रीय गतिविधियां

इग्‍नू एक अंतरराष्‍ट्रीय स्‍वरूप रखता है और यह अन्‍य देशों में अपने कार्यक्रम प्रदान करता है जिनमें अन्‍यों के अलावा संयुक्‍त अरब अमीरात (यूएई), ऑमन, बहरीन और दोहा की सल्‍तनत, श्रीलंका, मॉरीशस, मालदीव, नेपाल, केन्‍या, फिजी, कैरीबिनयन द्वीपसमूह, समोआ, मलेशिया, किग्रीस्‍तान, सिंगापुर और घाना शामिल हैं। ये विश्‍वविद्यालय यूनेस्‍को और अफ्रीका, इथोपिया, लाइबेरिया मेडागास्‍कर, घाना में क्षमता निर्माण के लिए अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍थान के सहयोग से अपने दूरस्‍थ शिक्षण के कार्यक्रम भी प्रदान करता है, जबकि लेसोथो, स्‍वाजिलैंड, नामीबिया, सिचेलज, जमायका, मलावी और बिलाइज़ में राष्‍ट्रमंडल शिक्षण के साथ हस्‍ताक्षरित एक समझौते के माध्‍यम से शिक्षा कार्यक्रम प्रदान किए जा रह रहे हैं।

यह विश्‍वविद्यालय मुक्‍त एवं दूरस्‍थ अधिगम (एसएसीओडीआईएल) और वैश्विक मेगा, विश्‍वविद्यालय के नेटवर्क (जीएमयूएनईटी) के लिए सार्क सहायता संघ में एक सक्रिय भूमिका अदा करता है।