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राष्‍ट्रीय छात्रवृत्तियां

कॉलेजों और विश्‍वविद्यालय छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की केन्‍द्र क्षेत्र योजना

राष्‍ट्रीय प्रतिभा छात्रवृत्ति योजना जिसका उद्देश्‍य कक्षा XI से स्‍नातकोत्‍तर पर सरकारी स्‍कूलों / कॉलेजों और विश्‍वविद्यालयों में पढ़ने वाले प्रतिभाशाली छात्रों को वित्‍तीय सहायता प्रदान करना था, को 01.04.2007 से समाप्‍त कर दिया गया है। तथापि XIवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान कॉलेज और विश्‍वविद्यालय छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की एक नई केन्‍द्र क्षेत्र योजना प्रारंभ की गई है। स्‍कीम का उद्देश्‍य गरीब परिवारों के प्रतिभाशाली छात्रों को अपनी उच्‍चतर अध्‍ययन को जारी रखने के लिए दिन प्रतिदिन के व्‍यय के भाग को पूरा करने हेतु वित्‍तीय सहायता प्रदान करना है।

छात्रवृत्तियां वरिष्‍ठ माध्‍यमिक परीक्षा के परिणामों के आधार पर दी जाती हैं। कॉलेजों और विश्‍वविद्यालयों में अवर/स्‍नात्‍कोत्‍तर तथा व्‍यावसायिक पाठ्यक्रमों, जैसे चिकित्‍सा, इंजीनियरी इत्‍यादि के लिए प्रतिवर्ष 82000 नई छात्रवृत्तियां (41000 बालकों के लिए और 41000 बालिकाओं के लिए) दी जा सकती हैं। छात्रवृत्तियों की कुल संख्‍या को राज्‍य बोर्डों के बीच राज्‍य की 18-25 वर्ष की आयु ग्रुप की आबादी में जनसंख्‍या के आधार पर, केन्‍द्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और भारतीय स्‍कूल प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद (सीआईएससीई) के हिस्‍से को अलग करने के पश्‍चात देश में विभिन्‍न बोर्डों से पास होने वाले छात्रों की संख्‍या के आधार पर विभाजित किया जाता है। बोर्डों को आवंटित छात्रवृत्तियों की संख्‍या विज्ञान, वाणिज्‍य और मानवीकी विषयों के बोर्डों में पास होने वाले छात्रों को 3:2:1 के अनुपात में विभाजित किया जाता है। विशेष बोर्ड परीक्षा के लिए संबद्ध विषय में सफल रहने वाले 10+2 पैटर्न या समकक्ष कक्षा XII में मान्‍यता प्राप्‍त शैक्षिक संस्‍थाओं में नियमित पढ़ाई करने वाले (पत्राचार या दूरस्‍थ शिक्षा पद्धति से नहीं) वे छात्र जो किसी अन्‍य छात्रवृत्ति योजना का लाभ न ले रहे हों और जिनकी पारिवारिक आय 6 लाख से कम है इस योजना के अंतर्गत विचार किए जाने के पात्र हैं। यह ‘सामान्‍य’ और ‘आरक्षित’ सभी वर्गों के छात्रों पर लागू है।

छात्रवृत्ति की दर कॉलेज और विश्‍वविद्यालय पाठ्यक्रमों की प्रथम तीन वर्षों के लिए स्‍नातक स्‍तर पर 1000/- रूपए और स्‍नात्‍कोत्‍तर स्‍तर पर 2000/- रूपए प्रतिमाह है। व्‍यावसायिक पाठ्यक्रमों की पढ़ाई करने वाले छात्रों को चौथे और पांचवें वर्ष में 2000/- रूपए प्रतिमाह मिलेंगे। छात्रवृत्तियां एक शैक्षणिक वर्ष में 10 महीनों के लिए दी जाएगी। यह कड़े मानदंड के आधार पर वार्षिक नवीकरण के अध्‍यधीन है।

कॉलेज और विश्‍वविद्यालय छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की केन्‍द्र क्षेत्र योजना प्रत्‍यक्ष अंतरण लाभ (डीबीटी) के अंतर्गत शामिल होती है। भारत सरकार के प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रवृत्तियां लाभभोगियों के बैंक खाते में सीधे ही जमा की जाती हैं।

प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के आसान प्रचालन के लिए केन्‍द्र योजना स्‍कीम मॉनीटरिंग पद्धति (सीपीएसएमएस) बनाई गई है। सीपीएसएमएस एक वेब आधारित संचालन पद्धति है जो आधार भुगतान सेतु (एपीबी) और इलेक्‍ट्रोनिक क्‍लीयरेंस सेवा (ईसीएस)/राष्‍ट्रीय इलेक्‍ट्रोनिक क्‍लीयरिंग सेवा (एनईसीएस)/राष्‍ट्रीय इलेक्‍ट्रोनिक निधि अंतरण (एनईएफटी) आधारित भुगतानों को सुसाध्‍य बनाती है।

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हिन्‍दी में मैट्रिक बाद अध्‍ययनों के लिए गैर-हिन्‍दी भाषी राज्‍यों से छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना

योजना के उद्देश्‍य गैर-हिन्‍दी भाषी राज्‍यों में हिन्‍दी के अध्‍ययन को प्रोत्‍साहित करना और राज्‍य सरकारों को शिक्षण और अन्‍य पदों जिनमें हिन्‍दी का ज्ञान अनिवार्य है उपयुक्‍त कार्मिकों को उपलब्‍ध करना है।

योजना को 2004-05 से संशोधित किया गया था। संशोधित योजना के अधीन शिक्षा बोर्ड या विश्‍वविद्यालय या स्‍वैच्छिक हिन्‍दी संगठन द्वारा आयोजित ‘‘अगली नीचे की परीक्षाओं के परिणामों के आधार पर हिन्‍दी में एक विषय के अध्‍ययन के लिए शिक्षा के मान्‍यता प्राप्‍त पूर्णकालिक पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षा मैट्रिक बाद से पीएचडी स्‍तर पर अध्‍ययन करने वाले प्रतिभाशाली छात्रों को हिन्‍दी में अध्‍ययन के लिए 2500 छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। छात्रवृत्ति की दर 300 रूपए से 1000 रूपए प्रतिमाह है जो पाठ्यक्रम/अध्‍ययन की स्‍टेज पर निर्भर है। ये योजना राज्‍य सरकार/संघ राज्‍य क्षेत्र प्रशासनों के माध्‍यम से कार्यान्वित की जाती है।

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जम्‍मू और कश्‍मीर के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजना

सन् 2010 में प्रधानमंत्री द्वारा जम्‍मू और कश्‍मीर में रोजगार के अवसर बढ़ाने के संदर्भ में और सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को शामिल करते हुए रोजगार हेतु योजना तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ ग्रुप स्‍थापित किया गया था। विशेषज्ञ ग्रुप की महत्‍वपूर्ण सिफारिशों में से एक सिफारिश थी अगले पांच वर्षों में प्रतिवर्ष 5000 छात्रवृत्तियां प्रदान करना ताकि पढ़ाई करने वाले जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य के युवा जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य के बाहर अध्‍ययन करने के लिए प्रोत्‍साहित हों। इस पहल के लिए अगले पांच वर्षों में 1200 करोड़ रूपए के परिव्‍यय की सिफारिश की गई थी। यह योजना 2011-12 से कार्यान्वित की जा रही है।

योजना के अंतर्गत जम्‍मू और कश्‍मीर से संबंधित छात्र जिन्‍होंने जम्‍मू और कश्‍मीर बोर्ड या केन्‍द्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबंधित स्‍कूलों के माध्‍यम से जो जम्‍मू और कश्‍मीर में स्थित हैं और जो जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य के बाहर सामान्‍य डिग्री पाठ्यक्रम, इंजीनियरी और चिकित्‍सा का अध्‍ययन कर रहे हैं, छात्रवृत्ति के लिए पात्र हैं बशर्ते उनके अभिभावकों की आय प्रतिवर्ष 6 लाख से कम हो।

योजना का उद्देश्‍य शिक्षण शुल्‍क, छात्रावास शुल्‍क, पुस्‍तकों की लागत और छात्रों के अन्‍य प्रासंगिक प्रभारों का भुगतान करना है। हर वर्ष 5000 नई छात्रवृत्तियां उपलब्‍ध हैं जिनमें से 4500 छात्रवृत्तियां सामान्‍य डिग्री पाठ्यक्रमों, 250 इंजीनियरी के लिए और 250 चिकित्‍सा अध्‍ययनों के लिए हैं। योजना का कार्यान्‍वयन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के वेब पोर्टल के https://aicte-jk-scholarship-gov.in माध्‍यम से किया जा रहा है।

सचिव (उच्‍चतर शिक्षा) की अध्‍यक्षता में एक अन्‍त:मंत्रालयी समिति (आईएमसी) जम्‍मू और कश्‍मीर छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजना के कार्यान्‍वयन की नियमित रूप से निगरानी करती है। समिति में जम्‍मू और कश्‍मीर सरकार से अतिथि प्रतिनिधियों सहित परामर्शक (पीएएमडी), योजना आयोग, सदस्‍य के रूप में व्‍यय विभाग के प्रतिनिधि और सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, जनजातीय मंत्रालय, गृह मंत्रालय, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से प्रतिनिधि शामिल हैं।

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