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प्रकाशक प्रशासन
प्रकाशक उनके द्वारा प्रकाशित की जाने वाली मदों को शीर्षक प्रदान करने तथा आवश्यक विनियमों का अनुप्रयोग सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी होंगे।
अनुरोध किए जाने पर प्रकाशक समूह एजेंसी से प्रकाशक अभिज्ञापक तथा आबंटित प्रकाशक अभिज्ञापक के साथ उनके पास उपलब्ध आईएसबीएन का प्रिंटआऊट प्राप्त कर सकते हैं।
प्रकाशक को प्रकाशक अभिज्ञापक राष्ट्रीय समूह एजेंसी द्वारा प्रदान किया जाएगा, जो प्रकाशक के पास उपलब्ध अभिज्ञापकों के शीर्षक के दायरे का निर्धारण करेगी। शीर्षक अभिज्ञापकों की संख्या नियत प्रकाशक प्रीफिक्स पर आधारित होगी। प्रकाशक द्वारा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि समूह एजेंसी के पास सभी उपलब्ध बैकलिस्ट की अधिकतम जानकारी होनी चाहिए तथा उपयुक्त आकार के प्रकाशक अभिज्ञापक का निर्धारण करने के लिए सभी वर्तमान एवं भविष्य के प्रकाशनों के बारे में समूह एजेंसी को परामर्श दिया जाना चाहिए।
प्रकाशकों को अपने शीर्षकों के प्रकाशन तथा उन शीर्षकों को आबंटित आईएसबीएन के लिए पुस्तक सूचीकरण एवं ग्रंथ सूची एजेंसियों से सम्पर्क करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
अधिक जानकारी एवं विस्तृत निर्देश आईएसबीएन समूह एजेंसियों के पास उपलब्ध है तथा इन्हें अंतर्राष्ट्रीय आईएसबीएन एजेंसी से प्राप्त किया जा सकता है।
आईएसबीएन के व्यावहारिक प्रयोग
आईएसबीएन का प्रयोग पुस्तक क्षेत्र की सभी शाखाओं में किया जाता है।
प्रकाशन हाऊस में आईएसबीएन का प्रयोग किया जाता है :
- पाण्डुलिपि से प्रिंटर तक फर्म प्रकाशन परियोजनाओं की पहचान करना।
- प्रकाशक कैटलॉग एवं विज्ञापनों में शीर्षकों की पहचान करना।
- मुद्रित डायरेक्टरी, इलेक्ट्रानिक डायरेक्टरी तथा इंटरनेट साइट्स की सूचीबद्धता।
- स्टॉक नियंत्रण।
- कॉपीराइट प्रबंधन।
- रॉयल्टी का प्रबंधन।
- आदेशों की प्रोसेसिंग।
- लेखांकन एवं बिल तैयार करना।
- विक्रय आंकड़ों की मॉनीटरिंग।
- सांख्यिकी तैयार करना।
- प्रतिलाभ का रख-रखाव।
प्रिंट सेवाओं, वितरण केन्द्रों तथा थोक विक्रेताओं में आईएसबीएन का प्रयोग किया जाता है :
- मुद्रणालय पुस्तकों जैसे पुस्तक मेलों में ग्रंथ सूची डाटाबेस तैयार करना।
- स्टॉक शीर्षकों का डाटाबेस तैयार करना।
- ईडीआई (इलेक्ट्रानिक डाटा इंटरचेंज) अथवा इंटरनेट के माध्यम से इलेक्ट्रानिक सूचना प्रणालियों के आधार पर सेवाओं का आदेश देना।
- स्टॉक नियंत्रण
- आंतरिक संभार प्रक्रियाओं की मॉनीटरिंग।
- लेखांकन एवं बिलिंग।
- विक्रय डाटा तैयार करना।
- प्रतिलाभ प्रबंधन।
- विषय सूचियां एवं पुस्तक-सूची तैयार करना।
पुस्तकालयों के लिए केन्द्रीयकृत सेवा संगठनों में आईएसबीएन (प्रयोग के लिए तैयार प्रतियां तैयार करना) का प्रयोग किया जाता है :
- प्रकाशकों एवं थोक विक्रेताओं को आदेश देने में।
- पुस्तकालयों से प्रोसेसिंग आदेश।
- स्टॉक नियंत्रण।
- आंतरिक संभार प्रक्रियाओं की मॉनीटरिंग।
- लेखांकन एवं बिलिंग।
- पुनर्जिल्दसाजी प्रक्रियाओं का प्रबंधन।
पुस्तक दुकानों में आईएसबीएन का प्रयोग किया जाता है :
- ग्रंथ सूची खोजने में।
- पता ढूढ़ने में।
- ईडीआई (इलेक्ट्रानिक डाटा इंटरचेंज) अथवा इंटरनेट स्टॉक प्रशासन जैसी इलेक्ट्रानिक सूचना प्रणालियों के आधार पर आदेश एवं पुन: आदेश प्रक्रिाएं।
- स्टॉक प्रबंधन।
- लेखांकन और अंत उपभोक्ता बिलिंग
- इलेक्ट्रानिक प्वाइंट-आफ-सेल प्रणाली (ईपीओएस)
पुस्तकालयों में आईएसबीएन का प्रयोग किया जाता है :
- आदेश देने में।
- कापी-कैटलागिंग में।
- सांख्यिकी प्रदान करने में।
- राष्ट्रीय लैंडिंग अधिकार।
- interlending
- शुल्क पंजीकरण हेतु प्रोफार्मा।
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