साक्षर भारत

साक्षर भारत के लिए वेब आधारित योजना और मॉनीटरिंग आसूचना प्रणाली (डब्‍ल्‍यूईपीएमआईएस) : साक्षर भारत मिशन के लिए डब्‍ल्‍यूईपीएमआईएस पर संक्षेप।

साक्षर भारत मिशन के लिए वेब आधारित प्रबंध आसूचना प्रणाली (डब्‍ल्‍यूईपीएमआईएस) राष्‍ट्रीय आसूचना केन्‍द्र द्वारा विकसित की गई है। इस अनुप्रयोग का स्‍कीम के तहत निम्‍नलिखित व्‍यापक कार्यों के लिए ऑनलाइन सम्‍पर्कके लिए ऑनलाइन परस्‍पर सम्‍पर्क हेतु एनएलएमए और सहभागी राज्‍यों द्वारा सक्रिय रूप से प्रयोग किया जा रहा है :

  • योजना, लागत निर्धारण और प्राधिकार
  • प्रगति की मॉनीटरिंग

अनुप्रयोग का प्रयोग मंत्रालय, राज्‍य शिक्षा विभाग के अधिकारियों (एसएलएमए), जिला पंचायत, ब्‍लॉक स्‍तर के अधिकारी जैसे बीडीओ और ब्‍लॉक प्रमुख, ग्राम पंचायत के अधिकारी जैस ग्राम प्रधान और प्रेरक (समन्‍वयकर्ता) द्वारा प्रयोग के लिए डिजाइन किया गया है। सम्‍बद्ध डाटा को सार्वजनिक क्षेत्र में भी उपलब्‍ध कराया जाएगा।

वेब आधारित अनुप्रयोग तृणमूल स्‍तरों से माइक्रो योजना तैयार करने में समर्थ है, इसमें अंतर्निहित अनुप्रयोग स्‍कीम का मुख्‍य सार है।

इंटरनेट न होने या खराब कनेक्टिविटी के मामलों में अनुप्रयोग में आफ-लाइन डाटा एकत्रित करने की सुविधा है। उपयोगकर्ताओं के लिए जीपी, बीपी, डीपी और राज्‍य स्‍तर के डाटा ई-फार्म प्रदान किए गए हैं। इनकी जहां अच्‍छी कनेक्टिविटी है उस स्‍थान से एक बार गतिविधि के रूप में वेब पोर्टल से डाऊनलोड किया जा सकता है। तब इनको राज्‍यों को पहले से प्रदान किए गए फार्मेट में साक्षर जनसंख्‍या के जमीनी स्‍तर के सर्वेक्षण के डाटा और सेवारत अध्‍यापकों आदि के लिए डाटा के साथ ऑनलाइन भी भरा जा सकता है। भरे हुए ई-फार्मों को जिला/राज्‍य स्‍तर पर एकत्रित किया जा सकता है और अनुप्रयोग में अपलोड किया जा सकता है।

तब वेब पोर्टल में एकत्रित डाटा को अनुप्रयोग द्वारा 15+ आयु समूह और अ.जा., अ.ज.जा., अल्‍पसंख्‍यक और महिला-पुरूष आदि के अनुसार उप-श्रेणी के तहत श्रेणीकरण के लिए प्रोसेस किया जा सकता है।

तब इस श्रेणीकृत और समेकित डाटा के आधार पर जीपी वास्‍तविक प्रस्‍ताव के लिए तैयार किया जाता है। यह प्रस्‍ताव कुल साक्षर जनसंख्‍या (टीआईपी) डाटा के सर्वेक्षण के साथ भरने से पूर्व दर्शाएगा और जीपी प्रयोगकर्ता के पास इस टीआईपी के संशोधित वर्जन का प्रस्‍ताव करने का विकल्‍प है। टीआईपी के तदनुरूपी अनुप्रयोग अपने आप परिकलन करेगा और स्‍कीम के अनुसार अपेक्षित सेवारत अध्‍यापक, मास्‍टर प्रशिक्षकों और संसाधन व्‍यक्तियों को दर्शाएगा। इसी प्रकार, जनसंख्‍या के जीपी के आधार पर प्रौढ़ शिक्षा केन्‍द्र (एईसी) परिकलित हो जाते हैं।

जीपी वास्‍तविक प्रस्‍ताव के आधार पर लागत प्रस्‍ताव भी अपने आप तैयार हो जाते हैं। ये लागत प्रस्‍ताव ब्‍लॉक स्‍तर के व्‍ययों को जोड़ने के पश्‍चात ब्‍लॉक स्‍तर पर समेकित हो जाते हैं। इसी प्रकार डीपी और राज्‍य स्‍तरों पर समेकित किए जाएगें और मंत्रालय स्‍तर पर राष्‍ट्रीय प्रस्‍ताव देखा जाएगा। अनुप्रयोग उपयोगकर्ता मंत्रालय को उपलब्‍ध निधि, चरण-वार, या वास्‍तविक लक्ष्‍यों की परिसीमा पर आधारित टीआईपी को पुन: आबंटित करने की अनुमति देगा। इन संशोधित आबंटनों को अनुप्रयोग द्वारा जीपी स्‍तर तक लागू किया जाएगा और प्रत्‍येक जीपी स्‍तर पर अनुमोदित आबंटन दर्शाएगा।

वेब पोर्टल में अनुदान परिकलन और बैंक प्राधिकार मॉड्यूल प्रदान किया गया है जो टीआईपी पर आधारित प्रत्‍येक राज्‍य को प्रदान की जाने वाली निधियां और प्रत्‍येक गतिविधि के लिए एनएलएमए द्वारा अनुमोदित निधियों का प्रतिशत, किस्‍त-वार परिकलित करता है। इस निधि में से प्रत्‍येक डीपी, बीपी, जीपी को पत्रों में उल्लिखित मुख्‍य या सहायक खाता संख्‍याओं से परिकलित राशि के व्‍यय के लिए बैंकों को प्राधिकृत करेंगे।

प्रगति मॉनीटरिंग मॉड्यूल का प्रयोग एनएलएमए, एसएलएमए आदि द्वारा किया जा रहा है। यह लाभभोगियों को प्रदान की गई सेवाओं, वीटी, एमटी और आरपी द्वारा प्रदान की गई सेवाएं, प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण, टीएलएम की माल-सूची आदि के लिए जीपी स्‍तर से ऊपर मॉनीटरिंग प्रदान करेगा।

यह वेब आधारित अनुप्रयोग वीटी आदि के साथ लाभभोगियों के मिलान और बैच बनाने में सहायता करेगा और साप्‍ताहिक/मासिक आधार पर राशि प्रवाह वेब पोर्टल से आने वाले कवर किए गए शिक्षा-प्राप्ति मॉड्यूल, प्रयुक्‍त टीएलएम, किए गए व्‍यय आदि के संबंध में प्रत्‍येक लाभभोगी की प्रगति के अंकन में सहायता करेगा।

प्रत्‍येक स्‍तर पर विश्‍लेषणात्‍मक रिपोर्ट तैयार की जा सकती हैं। स्‍कीम के सभी स्‍तरों/अवस्‍थाओं से उपलब्‍ध कराए गए डाटा के आधार पर प्रभाव मूल्‍यांकन और भविष्‍य की योजना भी बनाई जा सकती है।

यह वेब पोर्टल खुली-स्रोत प्रौद्योगिकियों पर विकसित किया गया है, इसलिए किसी मालिकान समाधानों पर कोई निर्भरता नहीं है और कोई वाणिज्यिक दबाव नहीं हैं। खुले स्रोत समाधान के प्रयोग में सस्‍ती लागत, विशेष रूप से इस आकार की सामाजिक परियोजना के लिए, पर उच्‍च प्रौद्योगिकियों को शामिल करने में सहायता दी है।

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