प्रौढ़ शिक्षा और कौशल विकास हेतु गैर सरकारी संगठनों की सहायता स्कीम
परिचय
राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 के प्रचालन हेतु कार्रवाई कार्यक्रम (पी ओ ए) में अन्य बातों के साथ-साथ सरकार और गैर सरकारी संगठनों (एन जी ओ) के बीच उपयुक्त साझेदारी के विकास की परिकल्पना की गई थी और यह प्रावधान किया गया था कि उन्हें अपेक्षित सहायता प्रदान करके सरकार निरक्षरता के उन्मूलन में उनकी अधिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक कदम उठाएगी। स्वयंसेवी क्षेत्र के जरिए खासकर 15-35 आयु समूह में प्रौढ़ शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार दो अलग स्कीमों, नामत: (i) प्रौढ़ शिक्षा के क्षेत्र में स्वैच्छिक एजेंसियों को सहायता, और (ii) जन शिक्षण संस्थान के जरिए स्वैच्छिक एजेंसियों (वी ए) को सहायता प्रदान करता आ रहा है। इसमें प्रौढ़ शिक्षा को तकनीकी और अकादमिक सहायता के लिए राज्य संसाधन केन्द्रों की स्थापना शामिल है। दूसरी ओर जन शिक्षण संस्थान उन्हें, जिनके पास शिक्षा का स्तर नहीं है या प्रारंभिक स्तर है, को व्यावसायिक शिक्षा कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करता है।
सरकार ने अब दोनों स्कीमों को मिलाने और संशोधित स्कीम को ''प्रौढ़ शिक्षा और कौशल विकास के लिए स्वैच्छिक एजेंसियों को सहायता की स्कीम'' के रूप में पुन: नामित करने और स्वैच्छिक एजेंसियों को परियोजना आधार पर सहायता जारी रखने का निर्णय लिया है। अत: नई स्कीम में पूर्ववर्ती एन जी ओ आधारित राष्ट्रीय साक्षरता मिशन की स्कीम समाहित है। इसके अलावा संशोधित स्कीम के कुछ घटकों के अंतर्गत संशोधित मानदंडों और वर्द्धित वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है। सरकार द्वारा इस स्कीम को समय-समय पर यथा विहित दिशानिर्देशों और निबंधन एवं शर्तों के नए सेट के जरिए प्रशासित किया जाएगा।
स्कीम का उद्देश्य
स्कीम का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय साक्षरता मिशन (एन एल एम) की छत्रछाया, खासकर 15-35 आयु समूह में कार्यात्मक शिक्षा, कौशल विकास और सतत् शिक्षा को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयास में सघनता सुनिश्चित करना और स्वयंसेवी क्षेत्र की गहन भागीदारी है। अत: स्कीम स्वैच्छिक प्रयास के जरिए एन एल एम का समग्र उद्देश्य प्राप्त करने का प्रयास करेगी जिसमें शामिल हैं :
- साक्षरता और संख्या ज्ञान में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना।
- उनके वंचीकरण के कारणों का जानकार होना और विकास की प्रक्रिया में संगठन और भागीदारी के जरिए उनकी स्थिति ठीक करने की दिशा में काम करना।
- आर्थिक स्थिति के सुधार और आम हित के लिए कौशल अर्जित करना।
- राष्ट्रीय एकीकरण, पर्यावरण संरक्षण, महिलाओं की समानता, छोटा परिवार मानक का अनुपालन आदि के मूल्यों का समेकन करना।
इस योजना के घटक :
- राज्य संसाधन केन्द्र
- जन शिक्षण संस्थान
- स्वैच्छिक एजेंसियों को सहायता
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