साक्षर भारत
मिशन '3' 'आर' (अर्थात् पढ़ना, लिखना और गणन) पर आधारित है; इसके लिए इसमें व्यक्ति के सुधार और सामान्य कल्याण के साधनों पर सामाजिक विषमताओं और व्यक्ति के वंचीकरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने की परिकल्पना भी की गई है। ''साक्षर भारत'' के सृजन का स्वप्न साकार करने के लिए केन्द्रीय एवं राज्य सरकारों, पंचायती राज संस्थानों, एन जी ओ और सिविल सोसायटी को मिलकर काम करना है। साक्षर भारत का निरूपण 2009 में पुरूष और महिला साक्षरता के अंतर को अधिक से अधिक 10 प्रतिशत तक कम करने की परिकल्पना के साथ प्रौढ़ महिला साक्षरता पर फोकस से राष्ट्रीय स्तर पर 2012 तक 80 प्रतिशत साक्षरता स्तर प्राप्त करने के उद्देश्य से किया गया था। मिशन के चार प्रमुख उद्देश्य हैं, नामत: गैर साक्षरों को कार्यात्मक साक्षरता और अक्षर ज्ञान प्रदान करना; औपचारिक शिक्षा प्रणाली की समतुल्यता प्राप्त करना; संगत कौशल विकास कार्यक्रम करना; और सतत् शिक्षा के लिए अवसर प्रदान करके ज्ञानवान समाज को बढ़ावा देना। मिशन का मुख्य उद्देश्य आयु समूह 15 और उसके बाद 70 मिलियन गैर-साक्षर प्रौढ़ व्यक्तियों को कार्यात्मक साक्षरता प्रदान करना है। मिशन 14 मिलियन अनुसूचित जाति, 8 मिलियन अनुसूचित जनजाति, 12 मिलियन अल्पसंख्यकों एवं 36 मिलियन अन्य को कवर करेगा। महिलाओं का समग्र कवरेज 60 मिलियन होगा। देश के 26 जिलों/संघशासित क्षेत्रों से संबंधित 410 जिलों की पहचान साक्षर भारत के अंतर्गत कवर करने के लिए की गई है।
साक्षर भारत के अंतर्गत कवरेज के पात्रता मानदंड – पूर्ववर्ती जिले से अलग किए गए नए जिले सहित एक जिला, जिसमें 2001 की जनगणना के अनुसार प्रौढ़ महिला साक्षरता दर 50 प्रतिशत या कम था, साक्षर भारत कार्यक्रम के अंतर्गत कवरेज का पात्र है। इसके अलावा, सभी वाम विंग अतिवाद प्रभावित जिले भी अपनी साक्षरता दर पर विचार किए बिना इस कार्यक्रम में शामिल होने के पात्र हैं। देश के 365 जिलों में प्रौढ़ महिला साक्षरता दर 50 प्रतिशत या कम थी। गृह मंत्रालय ने 35 जिलों को वाम विंग अतिवाद प्रभावित जिले घोषित किया है। तथापि 30 वाम विंग अतिवाद प्रभावित जिलों में भी प्रौढ़ महिला साक्षरता 50 प्रतिशत या कम है। अत: इस कार्यक्रम में शामिल होने के अर्हक जिलों की निबल संख्या 370 है। 2001 से अनेक पात्र जिलों को दो या तीन भागों में बांटा गया है। इसमें पात्र जिलों की कुल संख्या बढ़ाकर 410 कर दी गई है, जिनमें से 35 जिले वाम विंग अतिवाद प्रभावित हैं। इस कार्यक्रम में पात्र जिलों में केवल ग्रामीण क्षेत्र के कवरेज का प्रावधान है।