महिला समाख्या कार्यक्रम
''शिक्षा को महिलाओं की स्थिति में बुनियादी परिवर्तन के एजेंडे के रूप में प्रयोग किया जाएगा। विगत की संचित विकृतियों को निष्प्रभावी करने के उद्देश्य से महिलाओं के पक्ष में सुकल्पित बढ़त होगी। राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली महिलाओं के सशक्तिकरण में सकारात्मक, हस्तक्षेपी भूमिका निभाएगी। यह पुन: तैयार किए गए पाठ्यक्रम, पाठ्य पुस्तकों, अध्यापकों का निर्णय लेने वालों और प्रशासकों का प्रशिक्षण और पुनर्विन्यास तथा शैक्षिक संस्थाओं को सक्रिय रूप से शामिल करने के माध्यम से नए मूल्यों का तेजी से विकास करेगा। यह विश्वास और सामाजिक इंजीनियरी का कार्य होगा .......'' एनपीई, 1986.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 ने माना कि महिलाओं का सशक्तिकरण शैक्षिक प्रक्रिया में लड़कियों और महिलाओं की सहभागिता के लिए संभवत: अत्यधिक महत्वपूर्ण पूर्व शर्त है। इसने माना कि शिक्षा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रभावी साधन हो सकती है, जिसके पैरामीटर निम्न हैं :
- महिलाओं का स्व-सम्मान और स्व-विश्वास को बढ़ाना;
- महिलाओं के समाज, राज शासन और अर्थव्यवस्था को योगदान की पहचान करके उनकी सकारात्मक धारणा बनाना;
- गंभीर रूप से सोचने की क्षमता विकसित करना
- निर्णय लेने को तेज करना और सामूहिक प्रक्रियाओं के माध्यम से कार्रवाई;
- क्षेत्रों जैसे शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य (विशेष रूप से पुनरूत्पादक स्वास्थ्य) में सुविचारित चयन करने के लिए महिलाओं को समर्थ बनाना;
- विकासात्मक प्रोसेसों में समान सहभागिता सुनिश्चित करना;
- आर्थिक स्वतंत्रता के लिए सूचना, ज्ञान और कौशल प्रदान करना;
- सभी क्षेत्रों में बराबरी का दर्जा।
महत्वपूर्ण दस्तावेज :
- महिला समाख्या कार्यक्रम : उत्पत्ति ग्रंथ
- महिला समाख्या कार्यक्रम और एजेंडा
- स्कीम का विस्तार और कवरेज
- महिला समाख्या संगठनात्मक ढांचा
- डीएफआईडी के साथ महिला समाख्या कार्यक्रम का पहला संयुक्त समीक्षा मिशन, 2008
- डीएफआईडी के साथ महिला समाख्या कार्यक्रम का दूसरा संयुक्त समीक्षा मिशन, 2009
- डीएफआईडी के साथ महिला समाख्या कार्यक्रम का तीसरा संयुक्त समीक्षा मिशन, 2011
- डीएफआईडी के साथ महिला समाख्या कार्यक्रम का चौथा संयुक्त समीक्षा मिशन, 2013
- एनआरजी की बैठक का कार्यवृत्त - 19 अगस्त 2014
- संबंधित लिंक