भाषा शिक्षकों की नियुक्ति हेतु वित्तीय सहायता
भारत सरकार ने देश में अपने त्रिभाषा फार्मूले के तहत स्कूल जाने वाले बच्चों में अंग्रेजी के अलावा हिन्दी, उर्दू तथा एक आधुनिक भारतीय भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सरकारी स्कूलों में भाषा शिक्षकों की नियुक्ति हेतु वित्तीय सहायता योजना आरंभ की है। इस योजना का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में भाषा शिक्षकों की आवश्यकता को पूरा करना और देश में उर्दू, कन्नड़, मलयालम, तमिल तथा तेलुगु जैसी अन्य आधुनिक भारतीय भाषाओं के साथ-साथ भारतीय भाषा के प्रसार को प्रोत्साहित करना भी है।
इस योजना के तीन भाग हैं। इसमें व्यवस्था है:-
- हिन्दीतर भाषी राज्यों में हिन्दी शिक्षक
- उन जिलों जहां पर्याप्त अल्पसंख्यक जनसंख्या है, के स्कूलों में उर्दू शिक्षक
- हिन्दी भाषी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के उन स्कूलों, जहां वे मांग करें, में तीसरी भाषा पढ़ाने के लिए आधुनिक भारतीय भाषा शिक्षकों की व्यवस्था
भाग-1: हिन्दीतर भाषी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में हिन्दी शिक्षकों की नियुक्ति तथा प्रशिक्षण हेतु वित्तीय सहायता योजना :
केन्द्र सरकार ने अपनी दूसरी पंचवर्षीय योजना में निम्न योजनाएं आरंभ कीं –
- हिन्दी शिक्षकों की नियुक्ति; और
- हिन्दीतर भाषी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में त्रिभाषा फार्मूले के प्रभावी कार्यान्वयन में इन राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की सहायता की दृष्टि से हिन्दी शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज खोलना/ उन्हें सुदृढ़ करना।
इन योजनाओं के तहत विभिन्न राज्य सरकारों/संघ राज्य प्रशासनों को अनुमोदित निधियन पैटर्न पर उच्च प्राथमिक, मिडिल, हाई स्कूल तथा उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में नए पदों पर हिन्दी शिक्षकों की नियुक्ति तथा इन राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में उपलब्ध अप्रशिक्षित हिन्दी शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु हिन्दी शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज खोलने/ उन्हें सुदृढ़ करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। चूंकि, इन दोनों योजनाओं के उद्देश्य समान हैं इसलिए इन्हें ‘हिन्दीतर भाषी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में हिन्दी शिक्षकों की नियुक्ति तथा प्रशिक्षण हेतु वित्तीय सहायता योजना’ की एक योजना में समाहित कर दिया गया है।
भाग-2: राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति तथा उर्दू पढ़ाने हेतु मानदेय प्रदान करने की वित्तीय सहायता योजना:
उर्दू के संवर्धन की मांग को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने वर्ष 1972 में उर्दू के संवर्धन हेतु एक समिति नियुक्त की जिसने वर्ष 1975 में सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस समिति की सिफारिशों के अनुसरण में भारत सरकार ने राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति तथा उर्दू पढ़ाने हेतु मानदेय प्रदान करने की केन्द्र प्रायोजित योजना तत्काल प्रभाव से आरंभ करने का निर्णय लिया। इस योजना के तहत राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों को उर्दू शिक्षकों के वेतन तथा स्कूलों में उर्दू पढ़ाने वाले मौजूदा उर्दू शिक्षकों को मानदेय के लिए 100% वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
2008-09 के दौरान योजना में निम्नलिखित संशोधन किए गए:-
- अल्पसंख्यकों के कल्याण हेतु प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्रीय कार्यक्रम के अनुसरण में उन स्थानों जहां जनसंख्या के 25% से अधिक उर्दू भाषी समुदाय हैं, में उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति हेतु।
- इस योजना के तहत राज्य सरकार में भाषा शिक्षक के वेतन संरचना पर आधारित नियुक्त उर्दू शिक्षक के वेतन हेतु अब 100% सहायता स्वीकार्य है। उर्दू पढ़ाने के लिए अल्पकालिक शिक्षकों को 1000 रूपए प्रतिमाह की दर से मानदेय स्वीकार्य है।
- पांच वर्ष की अतिरिक्त योजना अवधि हेतु उर्दू शिक्षकों के लिए राज्यों को अब केन्द्रीय सहायता स्वीकार्य है।
- पांच वर्ष की अतिरिक्त योजना अवधि हेतु उर्दू शिक्षकों के लिए राज्यों को अब केन्द्रीय सहायता स्वीकार्य है।
भाग-3: हिन्दी भाषी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में आधुनिक भारतीय भाषा शिक्षकों (हिन्दी के अतिरिक्त) की नियुक्ति हेतु वित्तीय सहायता योजना:
देश की स्कूलों में भाषाओं के शिक्षण के संबंध में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1968 जिसे 1986 और 1992 में बाद की नीतियों में संशोधित किया गया, के अनुसरण में भारत सरकार स्कूल शिक्षा के प्राथमिक बाद तथा माध्यमिक स्तरों पर त्रिभाषी फार्मूला लागू कर रही है। इस फार्मूले के अनुसार हिन्दी भाषी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में तीसरी भाषा आधुनिक भारतीय भाषा, प्राथमिक तौर पर एक दक्षिण भारतीय भाषा (कन्नड़, मलयालम, तमिल तथा तेलुगु) होनी चाहिए। भारत सरकार ने वास्तविक और बौद्धिक रूप में फार्मूले के इस पहलू का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए 8वीं योजना अवधि के दौरान 1993-94 से केन्द्र प्रायोजित योजना आरंभ करने का निर्णय लिया जिसमें आधुनिक भारतीय भाषा के शिक्षकों (हिन्दी के अतिरिक्त) की नियुक्ति के लिए हिन्दी भाषी राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों के हिन्दीतर भाषी क्षेत्रों में हिन्दी के शिक्षकों की नियुक्ति हेतु केन्द्र प्रायोजित योजना के सादृश्य प्राथमिक तौर पर आधुनिक भारतीय भाषा शिक्षक के लिए 100% वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
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