किशोरावस्‍था शिक्षा कार्यक्रम

मानव संसाधन विकास मंत्रालय युवाओं की क्षमताएं स्‍वीकार करता है और युवाओं हेतु जीवन के बेहतर विकल्‍पों को समझने के लिए उपक्रमों और भागीदारियों में अवसर सृजित करने और उन्‍हें सुदृढ़ करने का अधिकार देता है।

किशोरावस्‍था शिक्षा कार्यक्रम एक महत्‍वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्‍य युवाओं को वास्‍तविक जीवन परिस्थितियों में सकारात्‍मक और उत्‍तरदायी ढंग से प्रतिक्रिया देने के लिए सटीक, आयु उपयुक्‍त तथा सांस्‍कृतिक दृष्टि से संबंधित सूचना, स्‍वस्‍थ मनोवृत्ति तथा कौशल विकसित करने में सक्षम बनाकर उन्‍हें सशक्‍त बनाना है। राष्‍ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) कार्यक्रम का समन्‍वय करती है और राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्या कार्यढांचा, 2005 के अनुरूप युवाओं के समग्र विकास की दिशा में पाठ्यचर्या तथा सह-पाठ्यचर्या दोनों रूपों में योगदान के माध्‍यम से कार्य करती है। राष्‍ट्रीय लोकप्रिय शिक्षा कार्यक्रम (एनपीईपी) 30 राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों में लागू किया जा रहा है। इसका उद्देश्‍य छात्रों और अध्‍यापकों के बीच उत्‍तरदायी व्‍यवहार से संबंधित विकास मामलों तथा जनसाधारण मुख्‍यत: अभिभावकों और समुदायों के बीच परोक्ष रूप से सकारात्‍मक मनोवृत्ति तथा जागरूकता विकसित करना है। प्रशिक्षुओं को किशोरावस्‍था प्रजनन तथा यौन स्‍वास्‍थ्‍य (एआरएसएच) सरोकारों के संबंध में प्रामाणिक ज्ञान प्रदान करना, उत्‍तरदायी व्‍यवहार हेतु सकारात्‍मक मनोवृत्ति उत्‍पन्‍न करना तथा उपयुक्‍त जीवन कौशल विकसित करना भी एनपीईपी के उद्देश्‍य हैं।

एनसीईआरटी यूएनएफपीए द्वारा प्रोत्‍साहित किशोरावस्‍था शिक्षा कार्यक्रम की समन्‍वय एजेंसी भी है और यह कार्यक्रम 6 राष्‍ट्रीय एजेंसियों द्वारा लागू किया जा रहा है: राष्‍ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी), स्‍कूल शिक्षा बोर्ड परिषद (सीओबीएसई), राष्‍ट्रीय मुक्‍त विद्यालयी शिक्षा संस्‍थान (एनआईओएस), केन्‍द्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), केन्‍द्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) तथा नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस)।