राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण
प्रौढ़ शिक्षा के संवर्धन एवं सुदृढ़ीकरण के लिए योगदान की अपेक्षा होने के कारण केन्द्रीय और राज्य सरकारों दोनों के साथ समवर्ती विषय है। राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण (एन एल एम ए), जो मा. सं. वि. मं. का एक स्वायत्तशासी खंड है, प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रमों और संस्थानों के समग्र नियोजन एवं प्रबंधन तथा वित्तपोषण की शीर्ष एजेंसी है। इनके अतंर-मंत्रालयीय आम परिषद और कार्यपालक समिति दो नीति एवं कार्यपालक निकाय हैं।
वर्तमान में प्रौढ़ शिक्षा का प्रावधान साक्षर भारत कार्यक्रम (एस बी पी) के जरिए है, जो केन्द्र प्रायोजित स्कीम है। राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण राष्ट्रीय स्तर की शीर्ष एजेंसी है। संयुक्त सचिव (प्रौढ़ शिक्षा) एन एल एम ए के पदेन महासचिव हैं। इसकी स्थापना 1988 में मंत्रिमंडल के अनुमोदन से मानव संसाधन विकास मंत्रालय(तत्कालीन शिक्षा विभाग) के स्वतंत्र और स्वायत्तशासी खंड के रूप में की गई थी। मंत्रिमंडल ने कार्य के क्षेत्र में एन एल एम ए को पूर्ण कार्यपालक और वित्तीय शक्तियां प्रदान कीं।
राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण को निम्नलिखित अधिदेशित है :-
- नीति और नियोजन;
- विकासात्मक एवं संवर्धनात्मक कार्यकलाप;
- स्वैच्छिक एजेंसियों एवं अन्य गैर सरकारी संगठनों को सहायता सहित प्रचालनात्मक कार्य;
- प्रौद्योगिकी प्रदर्शन;
- नेतृत्व प्रशिक्षण;
- मीडिया और सामग्री सहित संसाधन विकास;
- अनुसंधान एवं विकास;
- निगरानी एवं मूल्यांकन आदि।
राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण परिषद
यह एन एल एम ए की शीर्ष निकाय है, जिसके अध्यक्ष मानव संसाधन विकास मंत्री हैं और इसमें अन्यों के साथ शामिल हैं : पंचायती राज, ग्रामीण विकास, अल्पसंख्यक मामले, सूचना एवं प्रसारण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, युवा मामले एवं खेल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, महिला एवं बाल विकास मंत्री, मुख्य राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता, संसद के तीन सदस्य, छह राज्यों के शिक्षा मंत्री आदि।
कार्यपालक समिति
कार्यपालक समिति परिषद द्वारा निर्धारित नीति और दिशानिर्देशों के अनुसार प्राधिकरण के सभी कार्यों के लिए जिम्मेदार है। यह नीतियों के उपयुक्त कार्यान्वयन और प्रौढ़ शिक्षा के क्षेत्र में अद्यतन विकास के समावेशन का प्रयास करती है। इसके अध्यक्ष सचिव (स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता) हैं और इसमें सलाहकार (शिक्षा), योजना आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय में अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान के अध्यक्ष, कुछ राज्यों के प्रौढ़ शिक्षा निदेशक, राज्य सरकारों के अधिकारी, एस. आर. सी. एवं जे. एस. एस. के प्रतिनिधि और गैर-सरकारी सदस्य शामिल होते हैं।